Editorial (संपादकीय)

खाद्य प्रसंस्करण के लिए ‘संपदा’ योजना

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नयी दिल्ली। सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए जल्द ही 6000 करोड़ रपये के परिव्यय के साथ कृषि उत्पाद प्रसंस्करण एवं विकास के लिए कृषि प्रसंस्करण इकाइयों के संकुलों को प्रोत्साहित करने की योजना संपदा शुरू करेगी। इसके तहत मौजूदा व नयी योजनाओं का एकीकरण किया जाएगा ताकि खाद्य उत्पादों की बर्बादी कम हो और किसानों की आय दोगुनी हो।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने यहंा कहा कि उनका मंत्राालय इस संपदा योजना को मंजूरी देने के लिए शीघ्र की केंद्रीय मंत्रिमंडल में जाएगा। उन्होंने कहा कि खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के समग्र विकास के लिए यह एकीकृत या शीर्ष योजना होगी। मेगा फूड पार्क व शीतगृहों से जुड़ी मौजूदा परियोजनाओं व नयी परियोजनाओं को इसमें शामिल कर दिया जाएगा।
समूची खाद्य आपूर्ति शृंखला में सुधार के लिए बुनियादी ढांचे के विकास हेतु तीन नयी योजनाओं पर काम चल रहा है। श्रीमती बादल ने कहा कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढावा देने के लिए कदम उठा रही है ताकि कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम से कम किया जा सके, उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाले खाद्य मिले तथा किसानों की आय दोगुनी हो।
केंद्र ने अब तक 42 मेगा फूड पार्क व 234 शीतगृह परियोजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। इससे 139 लाख टन कृषि उत्पाद के प्रसंस्करण और संरक्षण क्षमता बढ़ी है जिसके कारण नुकसान में कमी    आयी है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति को तैयार करने और उसे क्रियान्वित करने पर विचार कर रहा है। इसके तहत मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में फलों और सब्जियों के उत्पादन वाले क्षेत्रों की मैपिंग करने का प्रस्ताव किया है। राष्ट्रीय खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत मंत्रालय जल्द ही खाद्य प्रसंस्करण पर राष्ट्रीय मिशन में संशोधन करेगा, ताकि मेगा फूड पार्क का काम पूरा हो सके। इसके अलावा तीन नई योजनाएं- खाद्य प्रसंस्करण एवं संरक्षण क्षमता सृजन/ विस्तार, नव कृषि-प्रसंस्करण कलस्टर आदि शुरू की जायेंगी।

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