फसल की खेती (Crop Cultivation)

ग्राम शेखपुर बना जैविक कृषि की पहचान

3 अगस्त 2022, गुना ।  ग्राम शेखपुर बना जैविक कृषि की पहचान – धरा को जीवित रखने के लिये जीवों की जरूरत होती है। लेकिन वर्तमान में किसान रसायनिक खेती कर प्रकृति के जीवों को नष्ट कर रहे है। बमोरी विकासखण्ड के छोटे से ग्राम शेखपुर की कृष्णा समूह की दीदियां घर के काम के साथ-साथ खेती का काम भी संभालती थी। लेकिन कृषि कार्य में बढ़ती लागत से वे इस कार्य से कम रूचि रखने लगी। लेकिन दीदियां जब कृषि सखी के संपर्क में आई तब उन्होंने जैविक खेती एवं जैविक सब्जी पैदावार का हुनर सीखा और प्राकृतिक खेती 1-1 बीघा में करने का निश्चय किया।

वर्ष 2018 में जैविक खाद, केचुआ खाद, नाडेप वेस्ड कम्पोजर आदि का उपयोग कर सरबती गेहंू पैदावार किये। प्रारम्भ में गेहूं के उत्पादन में कमी आई, लेकिन दीदियों की लगातार प्राकृतिक खेती से जैविक सब्जी, जैविक गेहूं, धनियां का बढ़ते क्रम में उत्पादन प्राप्त कर रही है। साथ ही कृष्णा समूह ने ताईवान पपीता की नर्सरी तैयार कर 12-15 हजार रूपये लाभ कमाया। दीदियों को जैविक अनाज एवं सब्जी से अन्य की तुलना में अधिक मूल्य प्राप्त हो रहा है।  जिससे उन्हें प्रति माह आमदनी 15-17 हजार रूपये प्राप्त हो रही है। केचुआं खाद स्वंय के खेत में उपयोग करने के साथ-साथ विक्रय का कार्य भी कर रही हैं। दीदियां 2-3 बीघा में प्राकृतिक खेती कर दो से तीन लाख रूपये वार्षिक प्राप्त कर रही है।

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