सोयाबीन कृषकों के लिए इस सप्ताह उपयोगी सलाह
8 जून 2022, इंदौर । सोयाबीन कृषकों के लिए इस सप्ताह उपयोगी सलाह – भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान, इंदौर ने आगामी खरीफ सत्र में सोयाबीन उत्पादक किसानों को चालू सप्ताह के लिए उपयोगी सलाह दी है , जो इस प्रकार है :-
1. सोयाबीन की बोवनी के लिए जून माह के दूसरे सप्ताह से जुलाई माह के प्रथम सप्ताह का समय सबसे उचित होता है ,लेकिन सलाह है कि मानसून के आगमन के पश्चात ही, न्यूनतम 10 सेमी वर्षा होने की स्थिति में सोयाबीन की बोवनी करें।
2. सोयाबीन के उत्पादन में स्थिरता की दृष्टि से 2 से 3 वर्ष में एक बार अपने खेत की गहरी जुताई करना लाभकारी होता है, अतः ऐसे किसान जिन्होंने इस पद्धति को नहीं अपनाया है, कृ पया इस समय अपने खेत की गहरी जुताई करें. उसके पश्चात विपरीत दिशा में कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें। सामान्य वर्षों में विपरीत दिशा में दो बार कल्टीवेटर एवं पाटा चलाकर खेत को तैयार करें।
3. अंतिम बखरनी से पूर्व गोबर की खाद (10 टन/हे) या मुर्गी की खाद (2.5 टन/हे) को खेत में फैलाकर अच्छी तरह मिला दें , इससे भूमि की गुणवत्ता एवं पोषक तत्वों में वृद्धि होगी।
4. उपलब्धता अनुसार अपने खेत में विपरीत दिशाओं में 10 मीटर के अंतर पर सब-सोइलर नामक यंत्र को चलाएं , जिससे भूमि की जल धारण क्षमता में वृद्धि होगी, एवं सूखे की अनपेक्षित स्थिति में फसल को अधिक दिन तक बचाने में सहायता मिलेगी।
5 -विगत कुछ वर्षों से फसल में सूखा , अतिवृष्टि या असामयिक वर्षा जैसी घटनाएं देखी जा रही है। ऐसी विपरीत परिस्थितियों में फसल को बचाने हेतु सलाह है कि सोयाबीन की बोवनी के लिए बी.बी.एफ (चौड़ी क्यारी प्रणाली ) या (रिज -फरो पद्धति ) कुड-मेड-प्रणाली का चयन करें तथा संबंधित यंत्र या उपकरणों का प्रबंध करे।
6. सलाह है कि अपने जलवायु क्षेत्र के लिए अनुशंसित , विभिन्न समयावधि में पकने वाली 2-3 सोयाबीन की किस्मों का चयन करें तथा बीज की उपलब्धता एवं गुणवत्ता (बीज का अंकुरण न्यूनतम 70%) सुनिश्चित करें।
7. सोयाबीन की खेती के लिए आवश्यक आदान (बीज, खाद-उर्वरक , फफूंदनाशक, कीटनाशक, खरपतवारनाशक , जैविक कल्चर आदि ) का क्रय एवं उपलब्धता सुनिश्चित करें।