जानिए पुष्पकृषि क्या होता हैं?
13 मार्च 2023, नई दिल्ली: जानिए पुष्पकृषि क्या होता हैं? – भारत सरकार ने पुष्पकृषि का एक उभरते हुए उद्योग के रूप में अभिनिर्धारण किया है और इसे 100% निर्यातोन्मुख उद्योग का दर्जा दिया है। फूलों की बढ़ती हुई मांग को ध्यान में रखते हुए पुष्पकृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वाणिज्यिक पुष्पकृषि व्यापार बन गया है। अतः वाणिज्यिक पुष्पकृषि, ग्रीनहाउस में नियंत्रित जलवायु स्तिथियों के तहत होने वाला एक उच्च तकनीक के रूप में देखा जा रहा हैं। भारत में निर्यात के दृष्टिकोण से भी वाणिज्यिक पुष्पकृषि महत्वपूर्ण हो रही है।
औद्योगिक और व्यापार नीतियों के उदारीकरण से खुले फूलों के निर्यातोन्मुख उत्पादन के विकास के लिए मार्ग प्रशस्त किया है। नयी बीज नीति ने पहले ही अंतर्राष्ट्रीय किस्मों के पौधे सामग्रियों के आयात को सुविधाजनक बना दिया हैं। यह देखा गया है कि व्यापारिक पुष्पकृषि में अन्य फसलों की अपेक्षा प्रति इकाई क्षेत्र में ज्यादा पैदावार देने की क्षमता है इसलिए यह एक बेहतर व्यापार है। निर्यात के प्रयोजनों के लिए भारतीय पुष्पकृषि उद्योग पारम्परिक पुष्पों की अपेक्षा खुले फूलों की ओर अग्रसर हुआ है। नियंत्रित जलवायु परिस्थितियों के तहत निर्यातोन्मुख पुष्पकृषि इकाईयां स्थापित करने के लिए भारतीय उद्यमकर्ताओं को लचीली अर्थव्यवस्था के परिणामस्वरूप व्यापार में गति प्राप्त हुई है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा), भारत में फूलों की खेती के विकास के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्तरदायी है ।
किस्में :
पुष्पकृषि उत्पादों में मुख्यतया खुले पुष्प, पॉट प्लांट, कट फ़ोइलेज, सीड्स बल्बस, कंद, रुटेड़ कटिंग्स और सूखे फूल व पत्तियां सम्मिलित है। प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय पुष्पकृषि में खुले गुलाब के फूलों का व्यापार, लाली, गुलदाउदी, गारगेरा, ग्लेडियोलस, जाइसोफिला, लायस्ट्रिस, नेरिन, आर्किड, अर्किलिया, अन्थुरियम, ट्यूलिप और लिलि है। गारव्रेरास, गुलनार आदि फूलों की खेती ग्रीन हाउस (हरित गृह) में की जाती है। खुले खेतो में उगाई जाने वाली फसल गुलदाउदी, गुलाब, गेल्लारड़िया, लिलि, मेरीगोल्ड, तारा, कंदाकार प्रमुख है।
खेती के क्षेत्र :
महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, तमिलनाडु, राजस्थान और पश्चिम बंगाल प्रमुख पुष्पकृषि केंद्र के रूप में उभरे है।
भारत तथ्य और आंकड़े :
वर्ष 2020-21 में लगभग 322 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पुष्पकृषि की जा रही थी। वर्ष 2020-21 में फूलों का उत्पादन 2151.96 हजार टन खुले फूलों और 828.09 हजार टन कटे फूलों का उत्पादन होने का अनुमान है।
निर्यातः भारत ने वर्ष 2021-22 के दौरान विश्वभर में 23,597.17 मीट्रिक टन पुष्पकृषि उत्पाद का निर्यात किया जिससे 771.41 करोड़ रुपए /103.47 मिलियन अमरीकी डॉलर अर्जित किए।
प्रमुख निर्यात लक्ष्य (2021-22) : संयुक्त राज्य अमरीका, नीदरलैंड, जर्मनी, यू.के., संयुक्त अरब अम्रीरात, और कनाडा इसी अवधि के दौरान भारतीय फूलों की खेती (पुष्पकृषि) में प्रमुख आयातक देश रहे।
वैयक्तिक उप – उत्पाद :
बल्ब्स, कंद, कंदित जड़ें | ऊतक संवर्धन हेतु पौधे |
बागवानी बल्ब्स | कुसुमित पौधे |
चिकरी प्लांट्स | अन्य सजीव पौधे |
अन्य बल्ब और कंद | सजीव मशरूम स्पॅान |
जड़ रहित कटिंग्स | गुलदस्ते के लिए खुले /ताज़ा फूल |
खाद्य फलों के पेड़ (कलमी या नहीं) | गुलदस्ते के लिए अन्य खुले फूल |
कैक्टस | फूलों के गुलदस्ते के लिए ताज़े मॉसेस व लाइकेन |
ढ़ोड़ोड़ेंड्रोंस (कलमी या नहीं) | गुलदस्ते के लिए अन्य पर्णसमूह / ताज़ा कलियाँ |
गुलाब (कलमी या नहीं) | पर्णसमूह / शाखा /कलियाँ जो की ताज़ा नहीं हैं |
महत्वपूर्ण खबर: गेहूँ मंडी रेट (11 मार्च 2023 के अनुसार)
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