फसल की खेती (Crop Cultivation)

वेस्ट डीकम्पोजर के उपयोग से भूमि उपजाऊ होती है

धार जिले में ‘आत्मा’ नवाचार

31 अगस्त 2021,  वेस्ट डीकम्पोजर के उपयोग से भूमि उपजाऊ होती है – धार जिले में आत्मा योजना में श्री आलोक कुमार सिंह कलेक्टर एवं अध्यक्ष आत्मा गवर्निंग बोर्ड के मार्गदर्शन में योजना के तहत नवाचार कर वेस्ट डीकम्पोजर इकाई जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में 7-7 कृषकों के यहाँ स्थापित की गई। इस प्रकार जिले में कुल 91 वेस्ट डीकम्पोजर इकाई की स्थापना की गई। कृषकों द्वारा विगत वर्ष एवं वर्तमान खरीफ वर्ष 2021 में भी वेस्ट डी कम्पोजर का उपयोग खेतों में ड्रिप के माध्यम से विभिन्न फसलों में किया जा रहा है, तथा कुल निर्धारित मात्रा में छिडक़ाव के लिये भी उपयोग किया जा रहा है। जिसके बहुत ही अच्छे परिणाम कृषक भाईयों को प्राप्त हो रहे हंै। जिले के परियोजना संचालक आत्मा श्री कैलाश मगर ने वेस्ट डीकम्पोजर की विधि विस्तार से बताई।

वेस्ट डीकम्पोजर तैयार करने हेतु सामग्री
  • प्लास्टिक ड्रम 200 लीटर क्षमता।
  • एक प्लास्टिक बाल्टी 20 लीटर।
  • गुड़ -2 किलोग्राम।
  • वेस्ट डीकम्पोजर कल्चर या तैयार 20 लीटर घोल वेस्ट डीकम्पोजर का।
वेस्ट डीकम्पोजर तैयार करने की विधि
  • सर्व प्रथम 200 लीटर में प्लास्टिक ड्रम में 180 लीटर शुद्ध/साफ जल से भरते हैं।
  • 2 किलोग्राम गुड़ को प्लास्टिक की बाल्टी में पानी के साथ घोल तैयार कर लेते हंै। उक्त गुड़ के घोल को 200 लीटर क्षमता वाले प्लास्टिक के ड्रम में 180 लीटर पानी में मिलाते हैं।
  • पश्चात वेस्ट डीकम्पोजर कल्चर या 20 लीटर तैयार वेस्ट डीकम्पोजर घोल को इसमें मिलाकर प्रति दिन सुबह शाम बाँस की लकड़ी की सहायता से घड़ी की दिशा एवं विपरित दिशा में 2-5 मिनट हिलाते/ घोलते हैं, पश्चात ढक्कन की सहायता से ढक देते हैं। वेस्ट डीकम्पोजर का घोल वर्षा, ठण्ड के मौसम 6-7 दिन में घोल तैयार होता है। तथा गर्मी में 2-3 दिनों में घोल तैयार हो जाता है।
उपयोग की विधि 
  • तैयार वेस्ट डीकम्पोजर घोल को 200 लीटर प्रति एकड़ प्रति सप्ताह में उपयोग करने से कम मात्रा में फसलों को एन.पी.के. तथा अन्य सूक्ष्म जीवाणु उपलब्ध होते हैं।
  • जिससे फसलों की बढ़वार अच्छी होती है तथा फूल व फल अधिक संख्या में लगते हैं तथा जमीन की भौतिक व रसायनिक दशा में सुधार होता है।
वेस्ट डीकम्पोजर उपयोग से लाभ
  • कम लागत एवं कम समय में एकत्रित फसल अवशेष को अपघटित करता है।
  • जैविक खाद में परिवर्तित कर देता है।
  • कीट एवं रोग नियंत्रण में सहायक। जैसे – व्हाईट मिली बग को वेस्ट डीकम्पोजर घोल का 100 प्रतिशत छिडक़ाव से पूर्णत: नष्ट किया जा सकता है।
  • मृदा की भौतिक एवं रसायनिक दशा में सुधार होता है तथा भूमि नरम व मुलायम होती है।
  • जैविक गुणवत्ता युक्त फल एवं सब्जियां की प्राप्ति होती है।
  • रसायनिक उर्वरकों के विकल्प के रूप में उपयोग कर उर्वरकों पर निर्भारता कम की जा सकती है। तथा खेती की लागत में कमी आती है
  • वेस्ट डीकम्पोजर के लगातार उपयोग करने से मृदा में लाभकारी सूक्ष्म जीवों की संख्या में वृद्धि होती है तथा केचुओं की संख्या में भी वृद्धि होती है।

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