वेस्ट डी कम्पोजर से हुआ भूमि में सुधार एवं लागत में आई कमी
10 जनवरी 2023, धार: वेस्ट डी कम्पोजर से हुआ भूमि में सुधार एवं लागत में आई कमी – डगर जिले के निसरपुर के निवासी कृषक श्री मुकेश पिता रुखडु पाटीदार ने अपने प्रक्षेत्र पर 2 हैक्टेयर में सीताफल का बगीचा लगाया है। जिसमें उन्होंने 3 हजार पौधे लगाए है । इसके साथ ही वे सीताफल के बीच की खाली भूमि पर अन्तरवर्तीय खेती करते हैं । उनका कहना है कि वेस्ट डी कम्पोजर से भूमि में सुधार एवं लागत में कमी आई है।
श्री पाटीदार ने बताया कि उन्हें गत वर्ष आत्मा योजनान्तर्गत वेस्ट डी कम्पोजर की यूनिट प्रदान की गई थी । इस प्रकार वेस्ट डी कम्पोजर घोल तैयार कर वे उसका उपयोग प्रति सप्ताह ड्रीप के माध्यम से अपने प्रक्षेत्र में करते हैं तथा अन्य जैविक सामग्री जीवामृत, 10 पत्ती अर्क, केचुआँ खाद, आवश्यकतानुसार प्रयोग करने से खेत में सीताफल के आकार में गुणात्मक वृध्दि हुई । उन्होंने बताया कि अन्य कृषकों के सीताफल उत्पाद की तुलना में उनके जैविक तकनीकी से उत्पादित सीताफल स्वाद में अधिक मीठे एवं आकार में बड़े होकर उत्पादन 6-8 किग्रा प्रति पौधा है। इस प्रकार दूसरे वर्ष कुल उत्पादन 180-240 क्विंटल प्राप्त हुआ । जिसका बाजार मूल्य अन्य की तुलना में अधिक प्राप्त हुआ जो की 3500-4000 प्रति क्विंटल है। इस प्रकार दो हेक्टेयर भूमि में लगभग 630000 – 960000 प्रति दो हेक्टेयर में मुख्य फसल से प्राप्त हुई है।
श्री मुकेश ने कहा कि इससे उनकी लागत में कमी तथा आय में वृध्दि हुई साथ ही अन्तरवर्तीय फसल में खरीफ में खीरा से 35 हजार रुपये की अतिरिक्त आय अर्जित की। रबी में उन्होंने बैगन, भिंडी, से 80 हजार रुपये प्राप्त किये । जैविक खाद एवं वेस्ट डी कम्पोजर के उपयोग से भूमि भूरभूरी होकर उसकी भौतिक दशा में सुधार आया तथा कृषि लागत कम होकर प्रति हैक्टेयर अधिक लाभ प्राप्त किया। उन्होंने समस्त किसान भाईयों से निवेदन किया है कि जैविक खेती के आदान जैसे वेस्ट डी कम्पोजर, जीवामृत, केचुआँ खाद, जैव उर्वरक आदि का अधिक उपयोग कर खेती की लागत को कम कर ज्यादा मुनाफा प्राप्त करें ।
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