समस्या: गेहूं की बाली में काफी फफूंदी आ जाती है, इसकी रोकथाम कैसे करें?
25 नवम्बर 2023, भोपाल: समस्या: गेहूं की बाली में काफी फफूंदी आ जाती है, इसकी रोकथाम कैसे करें? – समाधान : गेहूं की बाली काली पड़ने का कारण कण्डवा रोग है। यह रोग अस्टीलेगो ट्रिटीसाई नामक कवक (फफूंद) से जन्म लेते है । इस फफूंद का कवक जाल बीज के अन्दर जीवित रहता है। देखने में स्वस्थ और रोगी बीज में कोई भी अन्तर नहीं होता। दोनों प्रकार के बीज एक समान लगते हैं। जब कवक से संक्रमित बीज की बुआई करते है तो बीज में कवक जाल सक्रिय हो जाता है। जो पौधों की बढ़ोत्तरी के साथ-साथ बढ़ता रहता है, जब पौधे की बालियों का निर्माण होता है तो कंडुवा का रोगजनक दाना नहीं बनने देता और इसके स्थान पर कंडुवा के काले रंग के बीजाणु बनते हैं। यही कारण है कि रोगी बालियां काली पड़ जाती है। कंडुवा रोग की रोकथाम के लिए गेहूं के बीज को कार्बोंक्सिन वीटावैक्स (2.5 ग्रा./कि. बीज) अथवा कार्बेन्डाजिम बाविस्टीन (2 ग्रा./कि. बीज) नामक फंफ़ूदनाशक दवा से उपचारित करके बुआई करें। यदि रोग खेत में उत्पन्न हो गया है तो ऐसी दशा में काली बालियों को प्लास्टिक/कागज के लिफाफे से ढक कर सावधानीपूर्वक कैंची से काट लें। किसी भी हालत में रोग के जीवाणु झड़ने न पायें। इन बालियों को एकत्र करके मिट्टी के तेल से जला दें अथवा गहरा गड्ढा खोद कर गाड़ दें। बीजाणुओं के नष्ट होने से स्वस्थ बालियां रोगग्रस्त होने से बच सकती हैं।
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