Crop Cultivation (फसल की खेती)

पतंजलि जैविक खाद

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17 अप्रैल 2024, भोपाल: पतंजलि जैविक खाद – पतंजलि जैविक खाद एक जैविक खाद है जो औषधीय पौधों के अवशेषों, फूलों, सब्जियों और मवेशियों के गोबर से खाद तैयार करने की विधि का उपयोग करके बनाई जाती है और खाद बनाते समय इसमें ट्राइकोडर्मा, स्यूडोमोनास और एस्परगिलस मिलाया जाता है। इसमें संतुलित तरीके से ह्यूमिक एसिड, अमीनो एसिड, समुद्री शैवाल और प्राकृतिक पोषक तत्व मौजूद होते हैं। यह पौधों को बीमारियों और कीड़ों से लड़ने में सक्षम बनाता है। यह फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और बीमारियों पर भी नियंत्रण रखता है। इसका उपयोग सभी फसलों जैसे धान, गेहूं, गन्ना, आलू, सोयाबीन, मूंगफली, मटर, प्याज और विभिन्न प्रकार की सब्जियों, दालों और फलों आदि के लिए किया जा सकता है।

पतंजलि जैविक खाद का उपयोग करने की विधि

भूमि की जुताई के अंतिम चरण के समय या खेत में नमी न होने पर एक एकड़ भूमि में 40-80 किलोग्राम पतंजलि जैविक खाद का प्रयोग करें। इसका उपयोग मवेशियों के गोबर की खाद के साथ किया जा सकता है जिसे कम्पोस्ट कहा जाता है।

पतंजलि जैविक खाद के फायदे

1.पतंजलि जैविक खाद के प्रयोग से मिट्टी की भौतिक एवं रासायनिक संरचना में गुणात्मक परिवर्तन आता है। अत: मिट्टी बंजर नहीं होती।

2. पतंजलि जैविक खाद के निरंतर उपयोग से मिट्टी पानी और उर्वरक को अवशोषित करने और बनाए रखने में अधिक सक्षम हो जाती है।

3. पतंजलि जैविक खाद के उपयोग से कई प्राकृतिक उपयोगी रोगाणुओं और उनकी सक्रियता को बहुत अच्छे तरीके से बढ़ाया जाता है ताकि एक पौधा अपने साथ सभी आवश्यक तत्वों को बरकरार रख सके।

4.पतंजलि जैविक खाद के प्रयोग से पर्यावरण में रोगों से लड़ने में संतुलन विकसित होता है तथा रोगाणुओं के उचित प्रबंधन में सहायता मिलती है।

5. पतंजलि जैविक खाद के उपयोग से इस तरह उगाए गए अनाज और सब्जियां स्वास्थ्यवर्धक और पौष्टिक होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अच्छी होती हैं।

6. यह मिट्टी का इष्टतम पीएच मान भी बनाए रखता है।

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