पतंजलि फ्लोरोसेंस
18 अप्रैल 2024, भोपाल: पतंजलि फ्लोरोसेंस – पतंजलि फ्लोरेसेंस को मिट्टी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले बैक्टीरिया स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस के माध्यम से विकसित किया गया है।
स्यूडोमोनास फ्लोरोसेंस द्वारा फसलों को रोग से बचाने की प्रक्रिया।
• स्यूडोमोनास साइडरोफोर और एंटीबायोटिक दवाओं जैसे कार्बोनिक एसिड के स्राव के माध्यम से रोग पैदा करने वाले एजेंटों, बैक्टीरिया और कवक को नियंत्रित करता है।
• यह पौधों की आंतरिक कार्य प्रणाली में प्रवेश करके सूक्ष्म जीवाणु प्रणालीगत जैव-नियंत्रण एजेंट के रूप में कार्य करता है।
• स्यूडोमोनास पौधों के राइजोस्फीयर के साथ प्रतिस्पर्धा करता है और रोग पैदा करने वाले एजेंटों के प्रसार को रोकता है।
• यह स्यूडोमोनास जिबरेलिन हार्मोन और कार्बोनिक एसिड के स्राव के माध्यम से पौधों को पोषक तत्व उपलब्ध कराता है।
• यह पौधों की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ावा देता है और (2-4 डीए पीजी) स्रावित करता है जो बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी है।
• 2-4 डायएसिटाइल फ्रालोरो ग्लूसानॉल (2-4 डीए पीजी)।
• यह जड़ सड़न, तना सड़न, कॉलर सड़न, सीरिंग, पत्तियों पर धब्बे और फफूंदी जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है। इसका उपयोग नर्सरी उपचार, मिट्टी उपचार, बीज उपचार, बल्ब, तना और पौधे उपचार के रूप में भी किया जा सकता है।
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