काशीनंदिनी ‘सुधारेगी किसानों की आर्थिक दशा
15 सितंबर 2020, इंदौर। काशीनंदिनी ‘सुधारेगी किसानों की आर्थिक दशा – किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए भारतीय सब्जी अनुसन्धान केंद्र , वाराणसी ने मटर की अगेती किस्म ‘काशीनंदिनी’ विकसित की है. यह किस्म किसानों की आर्थिक दशा सुधार सकती है , क्योंकि इस किस्म से हरी फलियों का उत्पादन 110 -120 क्विंटल तथा बीज 15 -16 क्विंटल /हेक्टेयर प्राप्त किया जा सकता है.
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काशीनन्दिनी के बारे में – मटर की इस नई किस्म काशीनन्दिनी को भारतीय सब्जी अनुसन्धान केंद्र वाराणसी के वैज्ञानिक डॉ.जी. कल्लू और उनके सहयोगियों ने विकसित किया था.इस किस्म के पौधों में बुआई के 32 दिन बाद प्रथम फूल आते हैं.पहली तुड़ाई 56 -58 दिनों में की जाती है.इसकी फली सीधी होती है. प्रति पौध फली की संख्या 8 -9 होती है तथा हर फली में बीजों की संख्या 7 -8 होती है.इसमें रिड्यूज शर्करा 0 .26 % तथा कुल शर्करा 4.23 के साथ ही प्रोटीन की मात्रा 22.15 होती है.
इस बारे में फल अनुसन्धान केंद्र , भोपाल के प्रमुख वैज्ञानिक श्री एम.एस.परिहार(उद्यानिकी ) ने कृषक जगत को बताया कि मटर की नई किस्म काशीनंदिनी को 2006 में जारी किया गया था. लेकिन इस किस्म को पिछले दो सालों से हमारे केंद्र पर उगाया जाकर प्रजनक बीज तैयार किया जा रहा है.जिसका विपुल उत्पादन होता है.काशीनंदिनी म.प्र. की जलवायु में अच्छा उत्पादन देती है.जिसकी बीज दर 155 किलोग्राम /हेक्टेयर है. श्री परिहार ने बताया कि गत वर्ष 2019 -20 रबी में 5.20 हेक्टेयर में प्रजनक बीज का कार्यक्रम लिया गया था, जिसका उत्पादन 102 क्विंटल बीज के रूप में तैयार हुआ . पिछले साल जिन संस्थानों और किसानों को यह बीज दिया गया था , उंनसे मिली जानकारी के अनुसार किसानों को इस अगेती किस्म की बुआई में 25 -30 हजार की लागत आई और दो एकड़ से करीब डेढ़ से दो लाख हरी फलियां और बीज बेचकर अच्छी आय प्राप्त की. काशीनंदिनी मटर किस्म के बीज की कीमत 8660 रुपए प्रति क्विंटल है.यह प्रजनक बीज है, जो हमारे यहां उपलब्ध है.इस बीज को लेने के इच्छुक किसान फल अनुसन्धान केंद्र ,ईंटखेड़ी , बैरसिया रोड ,भोपाल से इन नंबरों 9425620182 और 9303315367 पर संपर्क कर सकते हैं.