संपादकीय (Editorial)

संपादकीय (Editorial) में भारत में कृषि, कृषि नीतियों, किसानों की प्रतिक्रिया और भारतीय परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता से संबंधित नवीनतम समाचार और लेख शामिल हैं। संपादकीय (Editorial) में अतिथि पोस्ट और आजीविका या ग्रामीण जीवन से संबंधित लेख भी शामिल हैं।

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ठंड में क्या खाएं और क्यों खाएं

सर्दी सेहत बनाने का मौसम है। खूब सारे फल आते हैं, पाचन-शक्ति अच्छी होती है और खूब भूख भी लगती है। कहा जाता है कि इस मौसम में पत्थर भी पचाए जा सकते हैं। जो लोग जिम जाकर बॉडी बनाना

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पाले से फसलों का बचाव

डॉ. शंकर लाल गोलाडा शीत लहर एवं पाले से सर्दी के मौसम में सभी फसलों को थोड़ा या ज्यादा नुकसान होता है। टमाटर, आलू, मिर्च, बैंगन आदि सब्जियों, पपीता एवं केले के पौधों एवं मटर, चना, अलसी, जीरा, धनिया, सौंफ

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पॉली हाउस से सलामत है रामप्रसाद की खेती

इंदौर। इंदौर-रतलाम हाईवे पर स्थित ग्राम खजूरिया से जब हम गुजरते हैं तो आधुनिक पॉली हाउस लगा खेत नजर आता है। खेती से जुड़ा या इसकी समझ रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस ओर आकर्षित हो जाता है। पॉली हाउस

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रबी फसलों के स्थान पर औषधीय एवं मसाला लगायें

चन्द्रशूर एक ऐसी रबी औषधीय फसल है, जो विभिन्न प्रकार की भूमियों में बहुत ही कम संसाधनों में व सीमित सिंचाई साधनों के साथ उगाई जा सकती है। चन्द्रशूर की प्रमुख विशेषताएं 1. चन्द्रशूर विभिन्न प्रकार की भूमियों में उगाया

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रबी सरसों की खेती

मृदा व उसकी तैयारी सरसों की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त होती है। भूमि का पी.एच. मान 7-8 के बीच अर्थात् उदासीन से हल्की क्षारीय मिट्टी सरसों की खेती के लिए अच्छा रहता है। सरसों की खेती

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आर्थिक मुनाफे के लिए बकरे की देखभाल

मेमनों  का चुनाव नर मेमने जिनकी उम्र तीन माह है उनका चुनाव करें। जन्म के समय उनका शरीर भार 3 से 4 किलो का हो तो सामान्यत: उनकी बढ़वार शरीर भार वृद्धि दर अच्छी रहती है। रोजाना कम से कम

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खेती में जल की उपयोगिता

मानसून के अतिरेक को सहते, सुलझते खरीफ अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच ही गया, अब तो कटाई उपरांत आंकड़े ही बतलायेंगे कि खरीफ कैसा रहा। कृषि की निरंतरता से सभी परिचित है खरीफ के अंतिम पृष्ठ से ही रबी की

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झंडा कहो या बकानी, बासमती को करे हानि

रोग फैलने का तरीका यह रोग बीज, हवा, भूमि जनित है। इस बीमारी के बीजाणु (कोनिडिया) दाना बनते समय बीज में प्रवेश कर जाते है। रोग से अधिक प्रभावित बीज रंगहीन हो जाते हैं। अच्छे बीज को दूषित पानी में

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दुग्ध उत्पादन में मध्यप्रदेश की बड़ी छलांग

वर्तमान में प्रदेश की प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दुग्ध उपलब्धता 383 ग्राम है, जो राष्ट्रीय औसत से (315 ग्राम), विश्व के औसत (281 ग्राम) तथा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अनुशंसा (280 ग्राम) से अधिक है। वर्ष 2012-13 में मध्यप्रदेश प्रति

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खरीफ फसलों में पौध संरक्षण

खरीफ फसलों में प्रमुख कीट व्याधि की पहचान एवं प्रबंधन उपायों की संक्षिप्त जानकारी यहां दी जा रही हैं । कम्बल कीट मानसून के आगमन के साथ ही इस कीट का जीवन चक्र आरम्भ होता हैं, हल्की रेतिली भूमि वाले

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