संपादकीय (Editorial)

संपादकीय (Editorial) में भारत में कृषि, कृषि नीतियों, किसानों की प्रतिक्रिया और भारतीय परिदृश्य में इसकी प्रासंगिकता से संबंधित नवीनतम समाचार और लेख शामिल हैं। संपादकीय (Editorial) में अतिथि पोस्ट और आजीविका या ग्रामीण जीवन से संबंधित लेख भी शामिल हैं।

संपादकीय (Editorial)

प्राकृतिक कृषि और ड्रोन के मध्य किसान

सुनील गंगराड़े 9 अगस्त 2022, भोपाल ।  प्राकृतिक कृषि और ड्रोन के मध्य किसान – प्राकृतिक कृषि को बढ़ावा देने, फर्टिलाइजर उपयोग को कम करने, कीटनाशकों का ड्रोन से छिडक़ाव, भारतीय कृषि संस्कृति के ऐसे अनेक विपरीत ध्रुवों को जोडऩे

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
संपादकीय (Editorial)

समुचित उत्पादन के लिए सिंचाई प्रबंधन जरूरी

3 अगस्त 2022, भोपाल । समुचित उत्पादन के लिए सिंचाई प्रबंधन जरूरी – सफल खेती के लिये खेत की तैयारी से लेकर कटाई एवं भंडारण तक यदि देखा जाये तो समुचित उत्पादन के पीछे प्रबंधन का ही हाथ होता है।

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
संपादकीय (Editorial)

गेमचेंजर हो सकता है नैनो यूरिया

सुनील गंगराड़े 26 जुलाई 2022, भोपाल । गेमचेंजर हो सकता है नैनो यूरिया – बीते दशक में कृषि क्षेत्र में तकनीक के माध्यम से परिवर्तन की बयार चल पड़ी है, नवाचार हो रहे हैं। किसान बंधुओं की मेहनत, कृषि वैज्ञानिकों

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Advertisements
संपादकीय (Editorial)

फिर आया मौसम हरे छाते रोपने का

डॉ. किशोर पंवार 25 जुलाई 2022, भोपाल । फिर आया मौसम हरे छाते रोपने का – गर्मी की तीखी धूप और मूसलाधर बरसात से बचने के लिए प्रकृति ने हमें पेड़ों के रूप में सामूहिक छाते उपलब्ध करवाए हैं। मानसून

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
संपादकीय (Editorial)

पेसा : लोकतंत्र और शासन को फिर से परिभाषित किया गया

पंचायती राज 30 साल में कितना मजबूत हुआ लोकतंत्र ? – 3 सी.आर. बिजॉय(अनुवाद: विशाल कुमार जैन ) 23 जुलाई 2022, भोपाल । पेसा : लोकतंत्र और शासन को फिर से परिभाषित किया गया – भारत में लोकतंत्र की जड़ों

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
संपादकीय (Editorial)

मानसून खरीफ ही नहीं, वर्षभर के लिये

20 जुलाई 2022, भोपाल ।  मानसून खरीफ ही नहीं, वर्षभर के लिये – कुछ दशक पहले मानसून 15 जून तक दरवाजा खटखटा देता था। कृषकों के खेत तैयार रहते थे बतर आते ही जून अंत तक खरीफ फसलों की बुआई

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
Advertisements
संपादकीय (Editorial)

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना बंद नहीं हो

डॉ. चन्दर सोनाने 20 जुलाई 2022,  प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना बंद नहीं हो – यूएन की दि स्टेट ऑफ फूड सिक्योरिटी एंड न्यूट्रीशन इन दि वल्र्ड 2022 की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में दुनिया में 61.8 करोड़ लोगों

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
संपादकीय (Editorial)

उत्पादन में आगे, उत्पादकता में पीछे…

सुनील गंगराड़े 12 जुलाई 2022, भोपाल । उत्पादन में आगे, उत्पादकता में पीछे… – भारत की दो तिहाई आबादी खेती और खेती से जुड़े कार्यों में जुटी होने के कारण इस देश की अर्थव्यवस्था की प्रमुख धुरी है कृषि। देश

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
संपादकीय (Editorial)

पानी और पेट्रोल उलीचने से धंसते शहर

डॉ. ओ.पी. जोशी 9 जुलाई 2022, भोपाल । पानी और पेट्रोल उलीचने से धंसते शहर – भूजल के अधिक दोहन के साथ-साथ भूमि धंसने का एक और कारण तेल एवं प्राकृतिक गैस का निकाला जाना भी बताया गया है। कैलिफोर्निया

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें
संपादकीय (Editorial)

किस हाल में है गांवों का शासन ?

पंचायती राज 30 साल में कितना मजबूत हुआ लोकतंत्र ? – 2 सी.आर. बिजॉय(अनुवाद: विशाल कुमार जैन ) 7 जुलाई 2022,  किस हाल में है गांवों का शासन ? – भारत में लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने के

आगे पढ़ने के लिए क्लिक करें