समस्या – समाधान
समस्या- मैं बगीचे में कटहल लगाना चाहता हूं कौन सी किस्म कैसे लगायें, विस्तार से बतायें। – घनश्यामदास, वारासिवनी समाधान- कटहल को आप लगा सकते हैं। यह एक लम्बी अवधि का पौधा होता है इस कारण उसको लगाने के लिए
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंसमस्या- मैं बगीचे में कटहल लगाना चाहता हूं कौन सी किस्म कैसे लगायें, विस्तार से बतायें। – घनश्यामदास, वारासिवनी समाधान- कटहल को आप लगा सकते हैं। यह एक लम्बी अवधि का पौधा होता है इस कारण उसको लगाने के लिए
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंखरगोन। जैविक खेती मोठापुरा के किसानों की जीवन रेखा है। रसायन छोड़ जैविक खेती अपनाने से जहां कृषि उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई, वहीं आर्थिक सम्पन्नता आने से किसान खुशहाल बने। खरगोन से 25 किमी दूर कृषि बाहुल्य मोठापुरा में
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंजबलपुर। इफको जबलपुर कार्यालय ने मंडला, बालाघाट, सागर, सिवनी एवं नरसिंहपुर के खेतों की मिट्टी का खरीफ पर्व परीक्षण करवाया। मृदा परीक्षण से यह ज्ञात हुआ कि इन जिलों के खेतों की मिट्टियों में जीवांश की कमी है। जीवांश को
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनई दिल्ली। चार महीने के बरसाती मौसम में बेहद अहम माने जाने वाले जुलाई में बारिश सामान्य की तुलना में लगभग 15 फीसदी कम रही। खरीफ फसलों के तहत बुआई का रकबा पिछले साल की समान अवधि की तुलना में
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंनई दिल्ली। घरेलू बाजार से सरप्लस चीनी के निर्यात के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इनमें करीब 40 लाख टन चीनी का अनिवार्य निर्यात और वस्तु विनिमय के तहत कृषि उत्पादों के आयात के बदले चीनी
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंपौध संरक्षण को लेकर देश में की जा रही कवायद अभी अधूरी है। इसके लिये सरकारी प्रयासों के साथ जागरूकता की जरूरत है। माना जाता है कि भारत में पौध संरक्षण के लिये औसतन 600 ग्राम प्रति हेक्टेयर दवाओं का
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंखरीफ फसलों में प्रमुख कीट व्याधि की पहचान एवं प्रबंधन उपायों की संक्षिप्त जानकारी यहां दी जा रही हैं । कम्बल कीट मानसून के आगमन के साथ ही इस कीट का जीवन चक्र आरम्भ होता हैं, हल्की रेतिली भूमि वाले
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंफसलों में विषाणु रोगों के प्रकोप से काफी नुकसान होता है। विषाणु रोगों का महत्व इसलिये भी अधिक है क्योंकि इनके रोगकारक विषाणु का दायरा विस्तृत होता है तथा कई फसलों पर रोग उत्पन्न करते है। साथ ही इनका प्रसारण
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंबैक्टीरियल पस्च्यूल की समस्या होने पर कासुगेमेसिन 0.2 प्रतिशत, कॉपर आक्सीक्लोराइड 0.2 प्रतिशत, या स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 200 पी.पी.एम. का छिड़काव करें। गेरूआ रोग से बचाव के लिये हेक्जाकोनेजोल 5 ई.सी. या प्रोपाकोनेजोल 5 ई.सी. या ट्राईएडमिफान 25 डब्ल्यू. पी. या कापर
आगे पढ़ने के लिए क्लिक करेंहरा मच्छर या फुदका – इस कीट के शिशु एवं वयस्क दोनों प्राय: पत्तियों की निचली सतह एवं अन्य पौध भागों की सतह से रस चूसकर हानि पहुंचाते हैं। सफेद मक्खी- इस कीट के शिशु एवं वयस्क दोनों प्राय: पत्तियों
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