टमाटर-बैंगन की खेती से राजेन्द्र को लाभ ही लाभ
बालाघाट जिला वैसे तो परंपरागत रूप से धान की खेती वाले क्षेत्र के रूप में पहचाना जाता है। लेकिन धान की खेती के साथ ही इस जिले के किसान अब सब्जियों की खेती में भी हाथ आजमाने लगे हैं और सब्जियों की खेती में भी सफलता के झंडे गाडऩे लगे हैं। लांजी तहसील के ग्राम बेनेगांव के ऐसे ही एक किसान हैं राजेन्द्र बुढ़ावने, जो टमाटर एवं बैगन की खेती से अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे है।
राजेन्द्र बुढ़ावने ने बताया कि वे पिछले 5 साल से धान के बाद टमाटर की खेती कर रहे है। जब पहली बार टमाटर की खेती की तो अधिक लाभ नहीं हुआ था। लेकिन बाद में उद्यान विभाग के अधिकारियों का मार्गदर्शन मिला तो उसने शासन की योजना का लाभ उठाकर अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगा ली है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली लगने से उसे बहुत लाभ हुआ है। इस नई सिंचाई तकनीक से सिंचाई के लिए पानी कम लगता है और पौधे पर लगे टमाटर खराब नहीं होते है। ड्रिप सिंचाई प्रणाली के उपयोग से टमाटर के पौधों के बीच में खरपतवार व अन्य पौधे नहीं उग पाते हंै।
राजेन्द्र ने बताया कि उसके चार एकड़ खेतों में उसने धान की फसल कटने के बाद जनवरी माह के अंत में टमाटर की फसल और 30 डिसमिल जमीन में बैंगन की फसल लगाई। अब उसके खेतों से प्रतिदिन टमाटर निकल रहे हैं। महाराष्ट्र के गोंदिया एवं आमगांव के व्यापारी प्रतिदिन उसके खेत से टमाटर खरीद कर ले जाते हैं। एक एकड़ की टमाटर की फसल से उसे 2 लाख रुपये की आय हो जाती है। राजेन्द्र के भाई एवं पुत्र भी सब्जियों की खेती में उसका हाथ बटाते हंै। उसका पुत्र गत वर्ष ग्रेटर नोएडा में इंटरनेशनल हार्टिकल्चर इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित चार दिवसीय प्रशिक्षण में भी शामिल हुआ था।
उद्यान विभाग के सहायक संचालक श्री सी.बी. देशमुख के मार्गदर्शन में वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी श्री पी.एस. पन्द्रे, श्री एस. हरिनख़ेडे एवं श्री एम.डी. डहरवाल द्वारा लांजी क्षेत्र के किसानों को सब्जियों की खेती और ड्रिप सिंचाई लगाने के लिए लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे है। लांजी क्षेत्र के किसानों द्वारा सब्जियों की खेती कर अच्छा खासा मुनाफा कमाया जा रहा है। किसानों द्वारा उगाई गई सब्जियां लांजी क्षेत्र के साप्ताहिक बाजारों में बिकने के साथ ही महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया एवं आमगांव के व्यापारियों द्वारा खरीदी जा रही है।