जैविक खेती के सूत्रधार रामसुख
कटनी जिले का नैगवां ग्राम जैविक खेती के जीवन का आधार है। वर्ष 2002 में तत्कालीन कृषि संचालक डॉ. जी.एस. कौशल एवं उपसंचालक श्री बी.एल. बिलैया के मार्गदर्शन में इसे जैविक ग्राम घोषित किया गया।
जैविक खेती देशी गाय, गौमूत्र और गोबर पर आधारित है, जैविक कृषि प्रदर्शनी में विभिन्न जैविक खादों, जैविक कीटनाशकों को बनाने का तरीका एवं फसलों में उपयोग करने की जानकारी दी।
तत्कालीन कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया ने जैविक भवन निर्माण हेतु 36.40 लाख स्वीकृत किये। वर्तमान में जैविक ग्राम तैयार हो चुका है। जिसमें 370 किसानों के दल के 8000 कृषक नैगवां ग्राम में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री रामसुख दुबे ने बताया कि कृषकों द्वारा भी जैविक खेती की जा रही जिसमें कृषक श्री निखिल जैन ग्राम भेड़ा, वि.ख. बहोरीबंद में 16 एकड़ में जैविक खेती कर रहे हैं। इनके पास 22 नग गौवंश के गौशाला है,6 नाडेप टांका, 12 केंचुआं शेड,1 बायोगैस संयंत्र है। ग्रीष्मकालीन फसल 1, 1/2 एकड़ में जैविक मक्का, 6 एकड़ में धान बासमती, 5 एकड़ तिली एवं शेष जमीन में सब्जियों का उत्पादन करते हैं।
कृषक ओम प्रकाश मिश्रा- जिवारा ग्राम वि.ख. विजयराघवगढ़ ने खरीफ में पहली बार धान 1/2 एकड़ एवं प्याज डेढ़ एकड़ जैविक विधि से लगाया। इसमें कीड़े एवं रोग नहीं लगे। 10 क्विंटल जैविक धान का एवं जैविक प्याज 70-75 क्विंटल उत्पादन होने की आशा है। इस ग्राम के कृषक एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने फसल का अवलोकन किया।
महिलाओं का जैविक खेती प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ। श्रीमती वंदना तिवारी परियोजना अधिकारी जिला महिला बाल विकास विदिशा का 40 सदस्यीय पर्यवेक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का दल जैविक ग्राम में प्रशिक्षण लिया, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री दुबे ने महिला कार्यकर्ता महिला कृषकों के निरंतर सम्पर्क में रहकर कृषि में कम लागत तकनीक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने जैविक खेती अपनाने हेतु प्रेरित किया। साथ ही सहायक निदेशक कृषि प्रतापगढ़ राजस्थान के 33 कृषक दल और महाराष्ट्र बीड़ से 37 कृषक दल ने जैविक ग्राम का भ्रमण कर प्रशिक्षण में भाग लिया।
क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी श्री दुबे ने किसानों को नाडेप, टांका खाद, टटिया नाडेप, भू नाडेप, बायोगैस स्लरी एवं शीघ्र खादों तथा विभिन्न जैविक कीटनाशकों को बनाने की विधि के विषय में विस्तार से बतलाया। म.प्र. का नैगवां जैविक तीर्थ ग्राम कई राज्यों का केन्द्र बना हुआ है।