किसान कल्याण योजना से खेती होगी फायदे का सौदा? सच जानें यहां
28 फ़रवरी 2025, भोपाल: किसान कल्याण योजना से खेती होगी फायदे का सौदा? सच जानें यहां – मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को लाभदायक बनाने के लिए किसान कल्याण योजना के तहत कई नई योजनाएं शुरू की हैं। कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने बताया कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करना और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करना है। हालांकि, इन योजनाओं का असर कितना होगा, यह अभी देखना बाकी है।
प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया गया है। इसके तहत एक ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया गया है, जिस पर अब तक 72,967 किसानों ने पंजीयन कराया है। यह पोर्टल प्राकृतिक खेती करने वाले और इच्छुक किसानों के लिए सहायता का मुख्य स्रोत बन गया है।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत पिछले वर्ष 81 लाख से अधिक किसानों को 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का सीधा लाभ दिया गया है। इसके अलावा, रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना में किसानों को 1,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम 3,900 रुपये प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जा रही है।
इस वर्ष किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर अल्पकालीन फसल ऋण उपलब्ध कराने के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, गेहूं की खरीद पर किसानों को प्रति क्विंटल 125 रुपये का बोनस भी दिया गया है।
सोयाबीन और अन्य फसलों का समर्थन मूल्य
मध्यप्रदेश सरकार ने पहली बार सोयाबीन का समर्थन मूल्य 4,892 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। इसके तहत लगभग 2 लाख किसानों से सोयाबीन की खरीद की गई और उन्हें 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया।
खरीफ सीजन 2024 में किसानों को 1.23 लाख क्विंटल से अधिक प्रमाणित बीज वितरित किए गए। साथ ही, उर्वरक वितरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई और अवैध उर्वरक बेचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई।
प्रदेश में सिंचित क्षेत्र को अगले पांच वर्षों में 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 करोड़ हेक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, किसानों को सौर ऊर्जा से लाभान्वित करने के लिए मुख्यमंत्री सोलर पंप योजना को अब प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना के नाम से लागू किया गया है। इसके तहत 1.25 लाख किसानों को सौर ऊर्जा पंप प्रदान किए जाएंगे।
फसल विविधीकरण और उद्यानिकी
सरकार किसानों को अधिक मुनाफा देने वाली फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रदेश में उद्यानिकी फसलों का रकबा 26 लाख हेक्टेयर से अधिक है, जिसमें संतरा, टमाटर, धनिया, लहसुन और मसाला उत्पादन में मध्यप्रदेश देश में अव्वल है।
इसके साथ ही, प्रदेश में 50 हाइटेक नर्सरी बनाई जा रही हैं, जिनके प्रबंधन के लिए ई-नर्सरी पोर्टल भी तैयार किया गया है।
क्या होगा असर?
किसान कल्याण योजना के तहत की गई इन पहलों से किसानों की आय बढ़ाने और कृषि को लाभदायक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। हालांकि, इन योजनाओं का वास्तविक प्रभाव किसानों की जमीनी हकीकत पर कितना होगा, यह आने वाले समय में ही स्पष्ट हो पाएगा। किसान संगठनों का कहना है कि योजनाओं का लाभ सही तरीके से किसानों तक पहुंचे, इस पर ध्यान देना जरूरी है।
इस बीच, किसानों की ओर से मांग की जा रही है कि सरकार उनकी समस्याओं को और गंभीरता से सुने और उनके लिए ठोस कदम उठाए।
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