मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन बढ़ा, लेकिन खुले में पड़ा अनाज बारिश से खतरे में!
31 मार्च 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश में गेहूँ उपार्जन बढ़ा, लेकिन खुले में पड़ा अनाज बारिश से खतरे में! – मध्यप्रदेश में इस साल रबी विपणन वर्ष 2025-26 के दौरान अब तक 7.98 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन हो चुका है। लेकिन बदलते मौसम और संभावित असामयिक बारिश को देखते हुए राज्य सरकार ने गेहूँ के सुरक्षित भंडारण और शीघ्र परिवहन के निर्देश दिए हैं। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सभी ज़िला कलेक्टरों को आदेश दिया है कि उपार्जन केंद्रों पर खुले में रखे अनाज को जल्द से जल्द गोदामों तक पहुँचाया जाए, ताकि नुकसान से बचा जा सके।
सुरक्षित भंडारण पर फोकस
अब तक 6.96 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का परिवहन और भंडारण किया जा चुका है, जबकि 1.01 लाख मीट्रिक टन गेहूँ अभी भी खुले में पड़ा है। इसे जल्द से जल्द गोदामों में शिफ्ट करने के लिए अतिरिक्त ट्रकों की व्यवस्था करने को कहा गया है।
मंत्री राजपूत ने स्पष्ट किया कि उपार्जन केंद्रों पर रखे गेहूँ को सुरक्षित रखने के लिए पक्के प्लेटफार्म और तिरपाल से ढकने की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा, नोडल अधिकारियों की तैनाती कर यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि बारिश या किसी अन्य कारण से गेहूँ को नुकसान न हो।
राज्य में गेहूँ उपार्जन का स्तर लगातार बढ़ रहा है, लेकिन गोदामों की सीमित क्षमता और परिवहन की धीमी रफ्तार के कारण अब भी बड़ी मात्रा में अनाज खुले में पड़ा है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार आगामी दिनों में बारिश होने की संभावना है, जिससे यदि समय पर कदम नहीं उठाए गए तो किसानों के अनाज को नुकसान हो सकता है।
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