धान उपार्जन की सुरक्षा: मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश से निपटने के विशेष इंतजाम
30 दिसंबर 2024, भोपाल: धान उपार्जन की सुरक्षा: मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश से निपटने के विशेष इंतजाम – मध्यप्रदेश में इस साल धान उपार्जन के दौरान बेमौसम बारिश के चलते सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि अब तक प्रदेश में 24.84 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की तुलना में 60% अधिक है। धान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 1394 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 749 केंद्र गोदाम स्तरीय हैं।
धान की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय
गोदाम स्तरीय उपार्जन केंद्रों पर उपार्जित धान को सीधे भंडारित किया गया, जिससे परिवहन की आवश्यकता नहीं पड़ी। समिति स्तरीय केंद्रों से 3.97 लाख मीट्रिक टन धान मिलिंग के लिए मिलर्स को भेजा गया।
इसके अलावा, 14.40 लाख मीट्रिक टन धान का परिवहन और गोदामों में भंडारण किया गया है। बची हुई धान को उपार्जन समितियों द्वारा तिरपाल और पॉलिथीन का उपयोग कर सुरक्षित रखा गया है।
धान भंडारण की प्रक्रिया की निगरानी के लिए प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी की अध्यक्षता में प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की जा रही है। जिले स्तर पर अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं ताकि धान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
किसानों के लिए समय विस्तार
बेमौसम बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उपार्जन की समीक्षा की और अधिकारियों को किसानों के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। खराब मौसम के चलते 1 जनवरी तक धान उपार्जन स्थगित कर दिया गया है। जिन किसानों ने 30 और 31 दिसंबर तथा 1 जनवरी के लिए स्लॉट बुक किया था, उन्हें अब 5 कार्य दिवस का अतिरिक्त समय दिया गया है।
किसानों को इस बदलाव की सूचना एसएमएस के माध्यम से दी जा रही है। 2 जनवरी से किसान नियमित रूप से अपने धान को उपार्जन केंद्रों पर बेच सकेंगे।
मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि इस साल धान उपार्जन में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। गोदाम स्तरीय केंद्रों पर धान के भंडारण से परिवहन लागत में कमी आई है। यह मॉडल भविष्य में भंडारण प्रक्रिया को अधिक कुशल और सुरक्षित बनाने का उदाहरण बन सकता है।
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