राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

खरीफ सीजन 2025 में किसानों को मिलेगी सस्ती खाद, जानिए नए सब्सिडी दरें

29 मार्च 2025, नई दिल्ली: खरीफ सीजन 2025 में किसानों को मिलेगी सस्ती खाद, जानिए नए सब्सिडी दरें – केंद्र सरकार ने खरीफ सीजन 2025 (1 अप्रैल 2025 से 30 सितंबर 2025) के लिए फॉस्फेटिक और पोटासिक (P&K) उर्वरकों पर न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) दरों को मंजूरी दे दी है। यह फैसला शुक्रवार को कैबिनेट बैठक में लिया गया। उर्वरक विभाग के प्रस्ताव के तहत, इस सीजन के लिए सब्सिडी का बजट करीब 37,216.15 करोड़ रुपये रखा गया है, जो रबी सीजन 2024-25 की तुलना में लगभग 13,000 करोड़ रुपये अधिक है।

सब्सिडी की नई दरें क्या हैं?

उर्वरक विभाग के कार्यालय ज्ञापन (ऑफिस मेमोरेंडम) के अनुसार, खरीफ 2025 के लिए पोषक तत्वों पर प्रति किलोग्राम सब्सिडी दरें इस प्रकार होंगी:

  • नाइट्रोजन (N): 43.02 रुपये
  • फॉस्फेट (P): 43.60 रुपये
  • पोटाश (K): 2.38 रुपये
  • सल्फर (S): 2.61 रुपये

इसके अलावा, विभिन्न प्रकार के P&K उर्वरकों पर प्रति मीट्रिक टन (MT) सब्सिडी भी तय की गई है। मसलन, DAP (18-46-0-0) पर 27,799 रुपये, MOP (0-0-60-0) पर 1,428 रुपये, NPK (15-15-15): ₹13,350 प्रति टन, यूरिया-SSP कॉम्प्लेक्स (5-15-0-10): ₹8,952 प्रति टन और SSP (0-16-0-11) पर 7,263 रुपये प्रति टन की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा, 28 ग्रेड के P&K उर्वरकों की सूची जारी की गई है, जिसमें NPK और NPKS ग्रेड शामिल हैं। बोरोन और जिंक से फोर्टिफाइड उर्वरकों पर अतिरिक्त सब्सिडी भी दी जाएगी, जिसमें बोरोन के लिए 300 रुपये और जिंक के लिए 500 रुपये प्रति टन शामिल हैं।

कैबिनेट ने सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) पर फ्रेट सब्सिडी को खरीफ 2025 तक बढ़ाने का भी फैसला किया है। साथ ही, उर्वरकों के वितरण और आवाजाही को ऑनलाइन “इंटीग्रेटेड फर्टिलाइजर मॉनिटरिंग सिस्टम (iFMS)” के जरिए ट्रैक किया जाएगा। कंपनियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उर्वरक रिटेल पॉइंट तक सड़क मार्ग से मुफ्त डिलीवरी (F.O.R.) के आधार पर पहुंचें।

उर्वरक कंपनियों के लिए नियम

सरकार ने साफ किया है कि उर्वरक कंपनियों को हर बैग पर MRP, सब्सिडी प्रति बैग और प्रति किलोग्राम की जानकारी छापनी होगी। MRP से ज्यादा कीमत वसूलने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत कार्रवाई होगी। इसके अलावा, कंपनियों को अपने उर्वरकों की कीमतों का ऑडिट कराना होगा ताकि यह जांचा जा सके कि वे “उचित लाभ” से ज्यादा मुनाफा तो नहीं कमा रही हैं। अगर ऐसा पाया गया तो अतिरिक्त मुनाफा वसूला जाएगा।

सरकार ने स्पष्ट किया कि कस्टमाइज्ड और मिक्सचर उर्वरकों पर कोई अलग सब्सिडी नहीं दी जाएगी। सब्सिडी का भुगतान निर्माताओं और आयातकों को पहले से तय प्रक्रिया और शर्तों के आधार पर होगा।

एनबीएस अधिसूचना खरीफ 2025

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