State News (राज्य कृषि समाचार)

रबी फसलों के लिए कृषकों को उपयोगी सलाह

Share

14 दिसंबर 2022, मंदसौर: रबी फसलों के लिए कृषकों को उपयोगी सलाह – उप संचालक, किसान कल्‍याण तथा कृषि विकास, जिला मंदसौर द्वारा रबी फसलों के लिए कृषकों को उपयोगी सलाह दी गई है। जिसे अपनाने पर अच्छा फसलोत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

उप संचालक कृषि ने बताया कि  गेहूं की बुवाई के 20-21 दिन बाद मुख्य जड़ बनने की अवस्था पर सिंचाई अवश्य करें। गेहूं में यूरिया का उपयोग सिंचाई उपरांत ही करें जिससे नत्रजन का समुचित उपयोग हो सके।चने की फसल 20-25 सेमी की हो जाये तो खुटाई (निपिंग) अवश्य करें, जिससे पौधों पर अधिकशकाहें  निकले और उपज में वृद्धि हो सके। चने की खुटाई बुवाई के 30-40 दिनों के भीतर पूर्ण करें तथा 40 दिन बाद नही करनी चाहिए। सिंचित दशा में चने में पहली सिंचाई शाखाएं  बनते समय तथा दूसरी सिंचाई फली बनते समय देना चाहिए। सिंचाई हल्की करें, सिंचाई स्प्रिंकलर द्वारा की जा सकती है। चने में फूल बनने की सक्रिय अवस्था में सिंचाई नहीं करना चाहिए। चने के खेत में कीट नियंत्रण हेतु ‘टी’ आकार की खूंटियां (35-40/हे.) लगायें। चने की फसल में चने की इल्ली का प्रकोप आर्थिक क्षति स्तर (1-2 लार्वा/मी.पंक्ति) तक पहुँच  जाये तो इसके नियंत्रण हेतु क्यूनॉलफॉस या प्रोफेनोफॉस कीटनाशी दवा को 2 मि.ली./ली. पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।

सरसों में सिंचाई, जल की उपलब्धता के आधार पर करें। यदि एक सिंचाई उपलब्ध हो तो 50-60 दिनों की अवस्था पर करें। दो सिंचाई उपलब्ध होने की अवस्था में पहली सिंचाई बुवाई के 40-50 दिनों बाद एवं दूसरी 90-100 दिनों के बाद करें। यदि तीन सिंचाई उपलब्ध है तो पहली 30-35 दिन पर व अन्य दो 30-35 दिनों के अंतराल पर करें। बुवाई के लगभग 2 माह बाद जब फलिंयों में दाने भरने लगे उस समय दूसरी सिंचाई करें। दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में तापमान में तीव्र गिरावट के कारण पाले की भी आशंका  रहती है। इससे फसल बढ़वार  और फली विकास पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इससे बचने के लिए सल्फर युक्त रसायनों का प्रयोग लाभकारी होता है। डाई मिथाईल सल्फोव आक्सासइड का 0.2 प्रतिशत अथवा 01 प्रतिशत थायो यूरिया का छिड़काव लाभप्रद होता है। थायोयूरिया 500 ग्राम 500 लीटर पानी में घोल बनाकर फूल आने के समय एवं दूसरा छिड़काव फलियां बनने के समय प्रयोग करें। इससे फसल का पाले से भी बचाव होता है।

जब भी पाला पड़ने की आशंका हो या मौसम विभाग द्वारा पाले की चेतावनी दी गई हो तो फसल में हल्की सिंचाई कर देनी चाहिए। अधिक जानकारी के लिये कार्यालय उप संचालक कृषि, मन्दसौर एवं विकासखण्ड स्तर पर वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से सम्पर्क कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण खबर: गेहूं में उर्वरकों की मात्रा एवं उनका प्रयोग 

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम 

Share
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *