राज्य कृषि समाचार (State News)

मृदा परीक्षण का दो दिवसीय सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण सम्पन्न

24 फरवरी 2024, मंडलेश्वर(दिलीप दसौंधी, मंडलेश्वर) मृदा परीक्षण का दो दिवसीय सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण सम्पन्न – खेतों में मिट्टी की जाँच किए बिना बेवजह उर्वरक डालने के प्रति किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से कृषक जगत के खरगोन जिला प्रतिनिधि की पहल पर गत 16 एवं 17 फरवरी को कृषि विज्ञान केंद्र, खरगोन में ग्रामीण युवक प्रशिक्षण के  तहत  मृदा परीक्षण पर दो दिवसीय सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया , जिसमें जिले के 25 युवा किसानों ने सहभागिता की और मृदा परीक्षण के तरीके सीखे। कृषि विज्ञान केंद्र खरगोन के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ जी एस कुलमी, मृदा वैज्ञानिक डॉ संजीव वर्मा एवं प्रसार वैज्ञानिक डॉ आरके सिंह ने प्रशिक्षण दिया। उपस्थित किसानों से अच्छा प्रतिसाद मिला।

इस प्रशिक्षण में शामिल हुए उद्यानिकी में स्नातकोत्तर कृषि आदान विक्रेता एवं कृषक श्री दीपक शर्मा, ओझर ने कृषक जगत को बताया कि दो दिवसीय यह मृदा परीक्षण प्रशिक्षण बहुत बढ़िया रहा। जिसमें  करीब 25  किसान शामिल हुए। हमें मिट्टी की संरचना , तत्व परिचय , पोषक तत्वों की जानकारी एवं उनकी ज़रूरत ,विभिन्न फसलों के लिए मिट्टी के नमूने लेने की विधि आदि की विस्तार से जानकारी दी गई और प्रयोगशाला में मिट्टी परीक्षण का व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया। कृषि व्यवसायी होने के बावज़ूद मैं इस प्रशिक्षण में इसलिए शामिल हुआ , ताकि मेरी दुकान पर रोज़ाना मेरे सम्पर्क में आने वाले सौ से अधिक किसानों को मिट्टी परीक्षण की ज़रूरत और ज़रूरी पोषक तत्वों के बारे में बता सकूँ। इससे जहाँ किसान की लागत कम होगी , वहीं गैर ज़रूरी उर्वरक भी ज़मीन में नहीं  जाने से मिट्टी का स्वास्थ्य सुधरेगा। जबकि श्री जितेंद्र सिंह मंडलोई , भीलगांव ( कसरावद ) ने बताया कि पहली बार इस प्रशिक्षण में शामिल हुआ। दो दिन तक दो सत्रों में आयोजित इस  प्रशिक्षण में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा मिट्टी परीक्षण  का सैद्धांतिक और व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें जाना कि मिट्टी परीक्षण के पश्चात जो तत्व आवश्यक हों वही खेत में डालें। अनावश्यक उर्वरक डालने से जहाँ किसानों की लागत बढ़ती है , वहीं ज़मीन भी कठोर होती जाती है। इससे उत्पादन भी कम मिलता है। प्रशिक्षण में अंतरवर्तीय फसलों, पशु पालन आदि पर भी जानकारी दी गई। किसानों के हित में ऐसे आयोजन होने चाहिए। इस प्रशिक्षण की जानकारी मैं अपने परिचित किसानों से साझा करूंगा , ताकि वे भी मिट्टी परीक्षण कराएं और अपने खेत में ज़रूरी पोषक तत्व ही डालें।

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डॉ सिंह ने कृषक जगत को बताया कि इस प्रशिक्षण के लिए कृषक जगत के जिला प्रतिनिधि श्री दिलीप दसौंधी ने आग्रह किया था। उन्हें कहा गया कि किसानों को सूचित कर दो ,निशुल्क प्रशिक्षण हम दे देंगे। दो दिवसीय इस  प्रशिक्षण में प्रशिक्षणार्थियों को मिट्टी की संरचना ,मिट्टी के पोषक तत्व , परीक्षण की ज़रूरत , उर्वरक की मात्रा आदि की विस्तार से जानकारी दी गई।  नमूने लेने के तरीके बताए गए और  प्रयोगशाला में उनसे प्रायोगिक भी कराया गया। श्री सिंह ने कहा कि  प्रायः किसान खेत में मुख्य  तत्व एनपीके ही डालते हैं , लेकिन सूक्ष्म पोषक तत्व नहीं डालते हैं , जिससे उनकी कमी  होने से  फसलें बीमार हो जाती हैं और इसका असर उत्पादन पर पड़ता है। किसान चाहें तो भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान भोपाल अथवा भाकृअप ,नई दिल्ली से छोटी मिट्टी परीक्षण मशीन खरीदकर मिट्टी के नमूनों का सशुल्क परीक्षण कर खुद का रोज़गार भी स्थापित कर सकता है।

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