मृदा परीक्षण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
05 मई 2025, टीकमगढ़: मृदा परीक्षण पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित – कृषि विज्ञान केंद्र टीकमगढ द्वारा संचालित निकरा परियोजना जलवायु समुत्थानुशील कृषि पर राष्ट्रीय नवाचार के अंतर्गत अंगीकृत ग्राम कोडिया ब्लॉक जतारा जिला टीकमगढ़ में मिट्टी परिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मिट्टी परीक्षण के महत्व के संबंध में बताया गया कि भूमि में भौतिक एवं रासायनिक संरचना तथा उपलब्ध पोषक तत्वों की स्थिति को ज्ञात करने के लिये मृदा का विश्लेषण करना ही मृदा परीक्षण कहलाता है। प्रत्येक पौधे की वृद्धि एवं विकास के लिये 17 पोषक तत्व की आवश्यकता होती है, इनमें से किसी भी पोषक तत्व की कमी से पौधों की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
मिट्टी परीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह है कि कृषक सही मात्रा में फसल के अनुसार पोषक तत्व डाले। खाद एवं उर्वरक के माध्यम से मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार सही प्रकार की रासायनिक एवं जैविक खाद का उपयोग होना चाहिए। मिट्टी के रासायनिक परीक्षण से मिट्टी उपयुक्तता के आधार पर फसल की अधिक पैदावार के लिए बिल्कुल सही अनुमान लगाया जा सकता है। सामान्य मिट्टी की जांच मुख्य बिन्दुओं के लिये की जाती है जैसे- जीवांश या कार्बनिक पदार्थ, मिट्टी में विद्यमान पोषक तत्वों की मात्रा, पी.एच. मूल्य या अम्लताध्क्षारीयता, घुलनशील लवण या विद्युत चालकता, उपज बढ़ाने के लिये उर्वरक की कितनी मात्रा देना आवश्यक है ।
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