राज्य कृषि समाचार (State News)

मालवा – निमाड़ के सोयाबीन बीजोत्पादक कृषकों का प्रशिक्षण सम्पन्न

महाराष्ट्र की 20 कृषि उत्पादक संस्थाओं के कृषकों ने लिया प्रशिक्षण

30 मार्च 2023, इंदौर: मालवा – निमाड़ के सोयाबीन बीजोत्पादक कृषकों का प्रशिक्षण सम्पन्न – भारतीय सोयाबीन अनुसन्धान संस्थान, इंदौर द्वारा मालवा एवं निमाड़ क्षेत्र के 45 सोयाबीन बीजोत्पादक कृषकों के लिए एआईसीआरपी एनएसपी सीड परियोजना के अंतर्गत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।  वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले की 20 कृषि उत्पादक संस्थाओं के 90 कृषकों को सोया उत्पादन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय के तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन किया गया।

 संस्थान के सोयाबीन बीजोत्पादन प्रभारी, डॉ मृणाल कुचलन ने वर्तमान में मौसम की अनिश्चितता के दौर में सोयाबीन की शीघ्र समयावधि वाली किस्मों के अतिरिक्त मध्यम एवं देरी से पकने वाली किस्मों के समावेश पर जोर दिया। वहीं संस्थान के निदेशक डॉ के. एच. सिंह ने आशा जताई कि किसानों के सहयोग से आने वाले वर्षों में सोयाबीन के गुणवत्तापूर्ण बीजोत्पादन के साथ-साथ नई विकसित किस्मों को किसानों तक ले जाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में जहाँ सिंचाई के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध है , रबी के मौसम में बीज उत्पादन हेतु प्रयास किया जा सकता है।

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दूसरी तरफ संस्थान में आज महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले  की 20 कृषि उत्पादक संस्थाओं के 90 कृषकों के  सोया उत्पादन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन  भी किया गया । समापन सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ के.एच.सिंह तथा संस्थान के तीनों विभागों के अध्यक्ष डॉ अनीता रानी, डॉ महावीर शर्मा एवं डॉ बी.यु. दुपारे उपस्थित थे।  इस अवसर परडॉ सिंह ने कहा  कि सोयाबीन को अभी तक केवल तिलहनी फसल के रूप में जाना जाता है, जबकि इसमें अनेक  पौष्टिक  तत्व होते हैं, जो कि मानव शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। इसीलिए इसके पौष्टिक गुण, प्रसंस्करण  तकनीकी  एवं खाद्य पदार्थों को घरेलु तथा लघु-उद्योग स्तर पर निर्माण एवं मार्केटिंग के  प्रचार-प्रसार हेतु  ऐसे आयोजन किये जा रहे हैं।  इससे यह संदेश जाना चाहिए कि तिलहनी फसल के साथ-साथ सोयाबीन एक प्रोटीन युक्त फसल है । ऐसा करने से सोयाबीन आधारित खाद्य पदार्थों में देश में खपत बढ़ेगी जिससे मूल्य वृद्धि होने की सम्भावना होगी।  

इस अवसर पर इन्कुबेशन केंद्र के प्रभारी डॉ महावीर शर्मा ने कहा कि विगत तीन माह में संस्थान के इन्कुबेशन केंद्र द्वारा महाराष्ट्र के 50कृषक उत्पादक संस्थाओं के लगभग 250 सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षुओं को सोयाबीन से बने विभिन्न खाद्य पदार्थ जैसे सोया दूध, सोया-छांछ, सोया श्रीखंड, सोया-पनीर, सोया पकौड़े, सोया हलवा, सोया उपमा आदि के साथ -साथ सोया आटा आधारित बेकरी पदार्थ बनाने की प्रसंस्करण तकनीकी  बाबत प्रदर्शन सहित जानकारी दी गई।  इन खाद्य पदार्थों के प्रदर्शन हेतु संस्थान के इन्कुबेशन केंद्र के श्री योगेश सोहनी, श्री अभिषेक भारती, सुश्री सीमा चौहान तथा श्री दीपक की भूमिका महत्वपूर्ण  रही। समापन समारोह मेंप्रशिक्षणार्थी कृषकों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।

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