राज्य कृषि समाचार (State News)

मध्य प्रदेश में बीज व्यापारियों पर सत्ता के दलालों की गिद्ध दृष्टि

  • (विशेष प्रतिनिधि)

23 मार्च 2022, भोपाल ।  मध्य प्रदेश में बीज व्यापारियों पर सत्ता के दलालों की गिद्ध दृष्टि मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री गत दो वर्षों से नगाड़ा बजा रहे हैं मूंग की खेती का। नहर से पानी छोडऩे का उद्घाटन भी कर रहे हैं। हालांकि सेंट्रल मध्यप्रदेश के लिए मूंग कोई नई फसल नहीं है। जबकि कृषि मंत्री श्री कमल पटेल के प्रयासों से सरकार ने समर्थन मूल्य पर मूंग खरीद भी की है।

चालू सीजन में लगभग 9 लाख हेक्टेयर से अधिक में मूंग लगाने का लक्ष्य रखा है जबकि गत वर्ष 8 लाख हेक्टेयर में लगाई गई थी। पिछले साल म.प्र. सरकार ने लगभग 2.50 लाख टन मूंग खरीदी 7196 रु. क्विंटल एमएसपी पर की थी। परन्तु मूंग फसल के इसी मैराथन अश्व को शिकंजे में कसने के लिए तथाकथित सत्ता के दलाल सक्रिय हो गए हैं और मूंग बीज व्यापारियों को संदेसे जाने लगे हैं कि हम भी है हमारा भी ख्याल रखो, नहीं तो एक दाना भी राज्य में नहीं बेच सकते। ये तथाकथित ‘गिद्ध’ विभाग के कंधे पर बंदूक रख कर मूंग बीज व्यापारियों, सप्लायरों की छाती पर मूंग दल रहे हैं। बीज व्यापारी हैरान हैं और मध्यप्रदेश से व्यापार समेटने की सोच में लगे हैं। इसमें चिंता की बात ये है कि शिवराज सरकार के 2 साल के स्वच्छ सुशासन, कुशल प्रबंधन और निरंतर विकास की उजली तस्वीर को अपने क्षुद्र स्वार्थों के लिए षडयंत्रकारी श्यामल कर रहे हैं। वहीं सदैव सक्रिय और कृषकों की बेहतरी के लिए हमेशा प्रयासरत कृषि मंत्री कमल पटेल की छबि भी धूमिल हो रही है।

Advertisement
Advertisement

यदि समय रहते ऐसे तत्वों पर लगाम नहीं कसी गई तो मध्य प्रदेश में कृषि आदान व्यापार करने से पूर्व व्यापारी सौ बार सोचेगा।

मध्य प्रदेश में इस प्रकार सत्ता के दलालों की दादागिरी से त्रस्त होकर एक बीज व्यापारी ने कहा- ‘तलवार का खेत हरा नहीं होता। परोक्ष रूप से परिणाम प्रदेश को भी भुगतना होंगे जब कृषि आदान व्यापारी मध्यप्रदेश में अपना माल नहीं लाएंगे।’

Advertisement8
Advertisement
Advertisements
Advertisement5
Advertisement