पंजाब में मकई , चरई कटिंग मशीनों पर 50 हज़ार की सब्सिडी
चंडीगढ़ : डेयरी का धंधा बारीकी का धंधा है। इसमें हर गतिविधि एक निश्चित समय पर बहुत ही संजीदगी के साथ करनी पड़ती है। इसलिए डेयरी फार्मिंग के साथ जुड़े हुए दूध उत्पादक और इसके साथ काम करते मज़दूरों की लगातार उपलब्धता बहुत ज़रूरी है। शिक्षित मज़दूरों की कमी होने के कारण शैडों की साफ़-सफ़ाई, दूध दोहने से लेकर पशुओं की संभाल और रोज़मर्रा के हरे चारे को काटने जैसे कामों में डेयरी फार्मरों को आ रही मुश्किलों का हल करने के लिए डेयरी विकास विभाग द्वारा डेयरी किसानों की सहायता के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य के पशु पालन , डेयरी विकास मंत्री श्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने यहाँ कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से चारा कटिंग मशीनों की खरीद पर सब्सिडी देने का फ़ैसला किया गया है।
पशु पालन मंत्री ने बताया कि कतारों वाली मकई और चरी काटने वाली मशीन और बरसीम, लहसून, जवी काटने वाली मशीन पर जनरल कैटगरी के दूध उत्पादक को 50,000 रुपए और अनसूचित जाति वर्ग को 63,000 रुपए की सब्सिडी दी जायेगी।
श्री इन्द्रजीत सिंह, डायरैक्टर डेयरी विकास विभाग पंजाब ने बताया कि कतारों पर बीजी हुई मकई, चरी और बाजरा काट के साथ के साथ कुतर कर ट्राली में डालने वाली मशीन न केवल रोज़मर्रा के पशुओं को डाले जाने वाले हरे चारों के लिए ही सहायक होती है बल्कि जिन किसान भाइयों ने साइलेज बनाना है, उनके लिए अति ज़रूरी है क्योंकि साइलेज बनाने के लिए गड्ढा एक दिन में ही भरना पड़ता है जो बहुत मुश्किल और महँगा पड़ता है। उन्होंन आगे बताया कि इसी तरह रोज़मर्रा की बरसीम, जवी, लहसून हाथों के साथ काटने खास कर बड़े फार्मरों के लिए मुश्किल है और इस लिए ऑटोमैटिक चारा काटने वाली मशीन की ज़रूरत पड़ती है।
इच्छुक किसान तुरंत इस स्कीम का लाभ लेने के लिए अपने जिले के डेयरी विकास विभाग से संपर्क करें।