वैज्ञानिकों ने किया उमरिया कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण
30 अक्टूबर 2024, उमरिया: वैज्ञानिकों ने किया उमरिया कृषि विज्ञान केन्द्र का भ्रमण – कृषि विज्ञान केन्द्र उमरिया पर भाकृअप के भारतीय खरपतवार अनुसंधान निदेशालय के वैज्ञानिक श्री ए जमालुद्दीन एवं उनके दल ने कृषि विज्ञान केन्द्र के कार्यालय का भ्रमण करके केन्द्र पर उपस्थित विभिन्न प्रदर्शन इकाइयों का अवलोकन किया।
कार्यालय प्रमुख डॉ. के.पी. तिवारी समस्त प्रदर्शन इकाइयों के बारे में बताया गया और कृषि प्रणाली का विस्तृत विवरण देते हुए बताया कि वर्तमान में कृषि विज्ञान केन्द्र की वित्तीय पोषण संस्थान भाकृअप है, परन्तु पिछले एक साल से वेतन एवं अन्य भुगतान में आईसीएआर द्वारा लगातार कटोती की जा रही है, जिससे वर्तमान समय में कार्यालय के समस्त स्टाफ की पिछले चार माह से वेतन नहीं हुआ है, जिस कारण समस्त स्टाफ को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही कृषि विज्ञान केन्द्र पर लगाये जाने वाले प्रदर्शनों का भी भुगतान वित्तीय वर्ष के अन्त में किया जाना है। जिस कारण प्रदर्शन में दी जाने वाले इनपुट आदान सामग्री के क्रय में परेशानियों का सामना करना पड़ता है । अंत में पूर्व निर्धारण बजट में भी कटौती करके भुगतान किया जाता है, जिससे कोई भी कार्यक्रम के क्रियान्वयन में समस्या उत्पन्न होती है।
कृषकों के यहां पर भ्रमण वैज्ञानिक दल के साथ कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ के.पी. तिवारी, डॉ धनंजय सिंह एवं कुंदन मुवेल के साथ भ्रमण करके कृषकों के साथ विस्तृत चर्चा की व किसानों के द्वारा बताया गया की कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा विभिन्न प्रकार की फसलों के उन्नत बीज प्रदाय किये जाते हैं । जिससे उत्पादन में वृद्धि हुई है एवं फसलों से संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां जैसे उन्नत किस्में संतुलित उर्वरकों की जानकारी एवं रोग एवं कीटो के संक्रमण के बचाव व उपचार की भी जानकारी समय पर उपलब्ध होती है जिससे उत्पादन में वृद्धि के साथ उत्पादन लागत में कमी होती है जिससे कृषकों को अधिक मुनाफा होता है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के द्वारा समन्वित एकीकृत कृषि प्रणाली खेती कर रहे प्रगतिशील कृषक यूनुस खान ने बताया की समन्वित कृषि प्रणाली से खेती में नियमित आय बनी रहती है ,साथ ही आर्थिक जोखिम की भी संभावना कम होती ह। चंदिया में श्री अंकित पाठक के यहां पर नन्दनी मशरूम उत्पादन केन्द्र पर भ्रमण कराया गया जहां पर केन्द्र के संचालक श्री पाठक ने बताया की मशरूम का बीज (स्पान) एवं मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केन्द्र से प्राप्त कर उन्होंने मशरूम उत्पादन एवं स्पान उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया । वर्तमान समय में पूरे उमरिया जिले में उत्पादन का विक्रय उनके द्वारा किया जाता है। मशरूम के उत्पाद जैसे मशरूम पाउडर व आचार भी बनाकर विक्रय किया जाता है मशरूम उत्पादन के बाद बचा भूसा व कम्पोस्ट का उपयोग जैविक खाद के रूप में किया जाता है जिससे मृदा की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है।
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