पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ तक का अनुदान
पराली जलाने पर रोक के लिए केंद्र ने की अंतर-मंत्रालयी बैठक, किसानों को प्रोत्साहन और वैकल्पिक समाधान पर जोर
28 अक्टूबर 2024, नई दिल्ली: पराली जलाने पर नियंत्रण के लिए किसानों को 4000 रुपये प्रति एकड़ तक का अनुदान – कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने आज पराली जलाने के प्रभावी प्रबंधन के मुद्दे पर एक महत्वपूर्ण अंतर-मंत्रालयी बैठक का आयोजन किया। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की सह-अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य फसल अवशेष प्रबंधन को बेहतर बनाकर वायु प्रदूषण से निपटना था, जिसका सीधा असर दिल्ली-एनसीआर के वायु गुणवत्ता पर पड़ता है।
पराली जलाने में आई गिरावट, प्रोत्साहनों का विस्तार
बैठक में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के मंत्रियों ने बताया कि पराली जलाने के मामलों में पिछले साल की तुलना में इस वर्ष गिरावट दर्ज की गई है। पंजाब में घटनाएं 35% और हरियाणा में 21% कम हुई हैं। हरियाणा सरकार ने किसानों को धान की पराली के प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन राशि देने की जानकारी दी। इसमें शामिल हैं:
- 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से फसल अवशेष प्रबंधन के लिए प्रोत्साहन
- पानीपत के 2जी इथेनॉल संयंत्र के लिए चयनित क्लस्टरों में 500 रुपये प्रति मीट्रिक टन का अतिरिक्त टॉप-अप
- धान के भूसे की बिक्री के लिए 2500 रुपये प्रति मीट्रिक टन की दर तय
- गौशालाओं को भूसा पहुंचाने पर 500 रुपये प्रति एकड़ का परिवहन शुल्क (अधिकतम 15,000 रुपये तक)
- चावल की सीधी बुवाई (DSR) को बढ़ावा देने के लिए 4000 रुपये प्रति एकड़ का अनुदान
बैठक में राज्यों को सुझाव दिया गया कि पहले से वितरित 3 लाख इन-सीटू और एक्स-सीटू प्रबंधन मशीनों के प्रभावी उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया जाए। जिला कलेक्टरों को हॉटस्पॉट क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने और पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए। राज्यों को सलाह दी गई कि वे बायो-डीकंपोजर के पाउडर का अधिक उपयोग करें, जिससे पराली का खेत में ही अपघटन संभव हो सके।
पराली के एक्स-सीटू उपयोग को बढ़ावा देने के लिए 2जी इथेनॉल, कंप्रेस्ड बायोगैस (CBG), बायोमास कोजनरेशन, पेलेटिंग और ब्रिक्वेटिंग प्लांट जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दिया गया। सरकार इन योजनाओं के तहत मशीनरी की खरीद पर 65% अनुदान दे रही है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान करना और पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना है।
राज्यों को 275 करोड़ रुपये जारी
फसल अवशेष प्रबंधन योजना के तहत केंद्र सरकार ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली को 600 करोड़ रुपये में से 275 करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है। यह योजना किसानों, सहकारी समितियों और पंचायतों को प्रोत्साहन के साथ-साथ कृषि विज्ञान केंद्रों (KVK) के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाने पर भी ध्यान केंद्रित करती है।
बैठक में सुझाव दिया गया कि किसान पराली जलाने के बजाय वैकल्पिक फसलें अपनाएं। अधिक क्षेत्र को फसल विविधीकरण कार्यक्रम के तहत लाने और कस्टम हायरिंग केंद्रों से कम लागत पर मशीनरी किराए पर उपलब्ध कराने की योजना पर भी चर्चा हुई।
मिशन ‘जीरो बर्निंग‘ की ओर कदम
मंत्रियों ने राज्य सरकारों द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को शून्य पर लाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। बैठक में राज्यों को इस सीजन में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तैयार योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया गया।
इस बैठक ने साफ कर दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें किसानों के साथ मिलकर पराली जलाने की समस्या का समाधान करने के लिए गंभीर हैं। वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए पराली का वैकल्पिक उपयोग सुनिश्चित करना और जागरूकता बढ़ाना प्राथमिकता है।
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