सतना में कृषि विकास समिति की समीक्षा बैठक, दुग्ध उत्पादन व फसल विविधीकरण पर विशेष जोर
25 अगस्त 2025, सतना: सतना में कृषि विकास समिति की समीक्षा बैठक, दुग्ध उत्पादन व फसल विविधीकरण पर विशेष जोर – मध्यप्रदेश विधानसभा की कृषि विकास समिति की समीक्षा बैठक सतना के ग्रामोदय विश्वविद्यालय सभागार में संपन्न हुई। समिति के सभापति दिलीप सिंह परिहार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्राकृतिक खेती, जैविक खेती तथा फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार विभिन्न कृषि विकास तथा किसान कल्याण योजनाओं के माध्यम से किसानों को समृद्ध बनाने का निरंतर प्रयास कर रही हैं।
सभा को संबोधित करते हुए सभापति परिहार ने कहा कि प्रदेश में कृषि क्षेत्र की जरूरतों को पूरा करने के लिए बिजली, पानी, खाद और बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही, किसानों की उपज का समर्थन मूल्य पर खरीद भी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के अनुसार प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सके।
सतना जिले में कृषि विभाग की उप संचालक आशीष पाण्डेय ने बताया कि खरीफ में 2 लाख 9 हजार और रबी में 2 लाख 62 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फसल ली जाती है। धान और गेहूं जिले की प्रमुख फसलें हैं। वर्ष 2024 में धान का औसत उत्पादन 43.65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रहा, जो राज्य औसत 35.15 और राष्ट्रीय औसत 27.80 से कहीं अधिक है। जिले के किसान बाबूलाल दाहिया को जैव विविधता संरक्षण के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है, जिन्होंने 250 किस्मों के धान और गेहूं को संरक्षित किया है।
वन मंडलाधिकारी मयंक चांदीवाल ने बताया कि पिछले तीन वर्षों में निजी भूमि में 1 लाख 92 हजार से अधिक पौधे रोपित किए गए हैं। वहीं, अधीक्षण यंत्री विद्युत पीके मिश्रा ने कहा कि जिले में सिंचाई हेतु 53 फीडरों पर 10 घंटे बिजली की आपूर्ति की जा रही है। जल संसाधन विभाग के आरके वर्मा ने जिले में सिंचाई के लिए कई परियोजनाओं के निर्माण की जानकारी दी, जिनसे 8650 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव होगी।
सहायक संचालक उद्यानिकी अनिल सिंह ने बताया कि मसालों की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को जोड़ा जा रहा है। इसी क्रम में, मैहर में पौधरोपण व नर्सरी विकास के कार्यों का सत्यापन समिति गठित करने के निर्देश दिए गए। उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. वंदना जैन ने कहा कि दुग्ध उत्पादन योजनाओं को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है, जिसे और मजबूत किया जाएगा।
सभापति परिहार ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि वे विभागीय कार्यक्रमों एवं प्रशिक्षण में क्षेत्रीय विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें। बैठक के अंत में कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बैठक के सुझावों को गंभीरता से लागू कर सतना जिले में कृषि विकास और किसान कल्याण के कार्य किए जाएंगे।
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