नए वर्ष में लें स्वस्थ रहने का संकल्प
31 दिसंबर 2024, भोपाल: नए वर्ष में लें स्वस्थ रहने का संकल्प – इस सप्ताह मंगलवार 1 जनवरी को भारत सहित समूचे विश्व में नए वर्ष की धूम रहेगी। सभी लोग एक-दूसरे को बधाई और शुभकामना देकर स्वस्थ, समृद्ध और दीर्घायु होने की कामना करेंगे। जब से मोबाईल की पहुंच सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में हो गई है, अब प्रत्येक त्यौहार और खुशी के मौकों पर बधाई संदेशों की बाढ़ सी आ जाती है। नया साल ही एक ऐसा अवसर होता है जिसे पूरी दुनिया हर्षोल्लास के साथ मनाती है। इसमें सभी जाति, धर्म और सम्प्रदाय के लोग बिना किसी भेदभाव के समान रूप से शामिल होते हैं। बेशक नया साल नई उमगों के साथ शुरू होने की सबकी कामना होती है लेकिन कुछ लोगों के लिए यह मंगलकारी होने के स्थान पर अमंगलकारी सिद्ध होता है। नए साल पर जश्न में डूबे विशेषकर युवा नशा करने को ही खुशी इजहार करने का साधन मान लेते है। भारत की राजधानी दिल्ली में पिछले साल 31 दिसंबर को करीब 45 करोड रूपए कीमत की 24 लाख से अधिक शराब की बोतलें बिकी थी जबकि इसके पहले दिवाली के मौके पर करीब साढ़े उन्नीस लाख शराब की बोतलों की बिक्री हुई थी। इस साल भी इस आंकड़े में कमी आने की कोई सम्भावना नहीं है। यह तो केवल दिल्ली में 31 दिसम्बर को शराब की खपत की जानकारी है। यदि अखिल भारतीय स्तर पर देखें तो केवल नए साल के जश्न में अरबों रूपये की शराब डकार जाते है। शराब या और कोई भी नशा हो, स्वास्थ्य के लिये हानिकारक तो होता ही है। इसलिए इस नए साल यानी वर्ष 2025 का स्वागत करने के साथ स्वस्थ रहने का संकल्प लेकर नई उमंग और उत्साह के साथ शुरूआत करें वैसे तो स्वस्थ रहने के लिए अनेक उपाय हैं लेकिन मुख्य रूप से कुछ ऐसे उपाय हैं जिन्हें अपनाकर स्वस्थ रहा जा सकता है। कहा जाता है कि बिना पसीना बहाये भोजन करना अपराध है यानी यदि श्रम नहीं कर रहे हैं तो इससे मधुमेह (डायबिटीज) रक्तचाप, थायराईड, मोटापा, हृदय रोग आदि बीमारी होने के खतरे रहते हैं। हालांकि ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम करना ही होता है लेकिन कुछ वर्षों से देखा जा रहा है कि ये बीमारिया ग्रामीण क्षेत्रों में भी होने लगी है। इसलिये इनसे बचाव का एक ही तरीका है कि शारीरिक गतिविधियां नियमित रूप से करते रहें। थोड़ा समय निकालकर योग, ध्यान और प्राणायाम भी करें तो शारीरिक और मानसिक रूप से भी स्वस्थ रहा जा सकता है।
आहार ही स्वास्थ्य का आधार होता है। संतुलित भोजन करें। कुछ वर्षों से मोटा अनाज को भोजन में शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है। लेकिन इनकी कीमतों के कारण अभी आम आदमी की थाली से मोटा अनाज थोड़ा दूर ही है। अधिकांश भारतीयों के भोजन में गेहूं और चावल सबसे ज्यादा उपयोग में आता है। ये अनाज आसानी से उपलब्ध है और देश में इनकी पैदावार भी पर्याप्त मात्रा में है। फलों और हरी सब्जियों से शरीर के लिए आवश्यक तत्वों की पूर्ति की जा सकती है। जंक और फास्ट फूड का कम से कम उपयोग करें तो बेहतर रहेगा। करीब 80 प्रतिशत बीमारियां पानी की अशुद्धता के कारण होती है इसलिये शुद्ध पेयजल का ही उपयोग करना चाहिए। यदि बोरवेल का पानी पी रहे हैं तो पानी की जांच अवश्य करानी चाहिए। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिये।
वर्तमान समय में तनाव जीवन का एक हिस्सा बन गया है। मोबाईल पर अधिक समय बिताने से भी अनिंद्रा, सिरदर्द आदि बीमारी से ग्रस्त हो जाते हैं। अधिकांश लोग मोबाईल को सोते समय अपने पास ही रखते हैं जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के लिये 6-7 घंटे की नींद जरूरी है। इसलिए तनाव प्रबंधन के लिये योग, ध्यान और प्राणायाम का सहारा लेना चाहिए। यह देखा गया है कि जब तक अधिक तकलीफ न हो, अधिकांश लोग चिकित्सक के पास नहीं जाते हैं। यदि नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच करवाते रहें तो समय रहते ही बीमारी का पता चलने से समय पर इलाज करवाया जा सकता है। जिससे बीमारी पर गम्भीर होने से पहले ही काबू पाया जा सकता है। बीमारी के शुरूआती लक्षणों का आभास शरीर दे देता है इसलिए जब भी शरीर में कोई असामान्य लक्षण दिखाई दें, तुरंत चिकित्सक की सलाह लें और बीमारी को प्रारम्भिक अवस्था में ही ठीक कर लें।
इन सब उपायों से स्वस्थ रहा जा सकता है लेकिन सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या बीमार ही न हो.. क्या सम्भव है? हां.. यह सम्भव है… नियमित दिनचर्या, संतुलित भोजन, पर्याप्त नींद, तनाव मुक्त जीवन, योग, ध्यान और प्राणायाम से स्वस्थ रहने में मदद मिल सकती है। हमारे आसपास औषधीय पेड-पौधे बहुतायत मात्रा में हैं लेकिन इनके औषधीय गुणों की जानकारी नहीं होने से हम इनका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। औषधीय पेड़-पौधों के गुणों और उनका प्रयोग करने से क्या लाभ मिलता है, यह जानकारी होना आवश्यक है। इसलिये इस नव वर्ष में यह भी संकल्प लें कि अपने आसपास जितने भी पेड-पौधे हैं, उनके औषधीय गुणों के बारे में जानकारी जुटाएं और उनका किन बीमारी को ठीक करने में उपयोग किया जाता है. या सम्बंधित औषधीय पौधे के सेवन से कौन सी बीमारी नहीं होगी, यह जानकारी प्राप्त कर उनका सेवन करेंगे तो निश्चित ही अनेक बीमारियों को होने से रोका जा सकता है। इसी संकल्प के साथ नव वर्ष की आप सभी पाठकों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
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