राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापना के दस वर्ष पूरे
राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीेकानेर का दशाब्दी समारोह
आगामी दशक में इससे भी बेहतर कार्य करें- राज्यपाल
जयपुर, 18 मई। राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के स्थापना के दस वर्ष पूरे होने पर आयोजित दशाब्दी समारोह को राजभवन से ऑन लाइन सम्बोधित किया।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय का दशाब्दी वर्ष उपलब्धियाँ और कमियों के आत्मचिंतन का समय है, जिससे आगामी दशक में इससे भी बेहतर कार्य परिणामों के साथ आगे बढ़ सकेंगे। श्री मिश्र ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय ने हाल ही में जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग में राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों की केटेगेरी में प्रथम स्थान बनाया है। देश के पहले तीन सर्वश्रेष्ठ पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालयों में शामिल होकर राज्य का नाम रोशन किया है। मुझे आशा है कि यह विश्वविद्यालय देश के शीर्षतम वेटरनरी विश्वविद्यालयों के बीच अपनी जगह बनाएगा। श्री मिश्र ने कहा कि राज्य में एक उच्च कोटि के संस्थान के रूप में पशुचिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और विशिष्ट सेवाएं प्रदान करते हुए 19 जिलों में पहुँच बनाना, सराहनीय कार्य है।
राज्यपाल ने कहा कि गौपालन हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का प्रमुख आधार है। प्रदेश में उच्च कोटि का स्वदेशी गौवंश हैं। राज्य के 6 श्रेष्ठ देशी गौवंश राठी, थारपारकर, साहीवाल, गिर, कांकरेज एवं मालवी का संरक्षण और विकास को प्राथमिकता में शामिल करें। जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकीय चुनौतियों से निपटने के लिए स्वदेशी गौवंश एक महत्वपूर्ण विकल्प है। राज्यपाल ने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय द्वारा मानव के समकक्ष पशुचिकित्सा रोग उपचार की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
पशुचिकित्सा में आधुनिकतम तकनीक और उपकरणों से उपचार सेवाएं देने वाला राजस्थान अनूठा प्रदेश बन गया है। श्री मिश्र ने कहा कि राज्य सहित सीमांत राज्यों के भी पशुओं के गंभीर रोगों को उपचार किया जाये। पशुपालकों को इससे बड़ी राहत मिलेगी। मुझे बताया गया है कि पशुओं की आँखों और दांतों की शल्य चिकित्सा के लिए भी अत्याधुनिक उपकरणों से उपचार की सुविधा मुहैय्या करवाई जा रही है। विश्वविद्यालय द्वारा बहुउद्देश्यीय पशु एम्बूलेंस सेवा और चौबीस घंटे आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं भी सुलभ करवाया जाना, अच्छा प्रयास है। राज्यपाल श्री मिश्र ने पशुपालकों को नवीन तकनीक की जानकारी देने के लिए रेडियो कार्यक्रम धीणे री बात्याँ प्रदेश के सभी आकाशवाणी केन्द्रों से प्रसारित किया जाना भी पशुपालकों के लिए लाभदायक बताया।
कुलाधिपति श्री मिश्र ने कहा कि विश्वविद्यालय प्राध्यापकों की यह जिम्मेदारी है कि वे वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पढाई के संदर्भ में निर्णय लें। ऑन लाइन शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त बनाने का प्रयास करें, ताकि नये परिवेश में छात्र-छात्राएं अध्ययन कर, आगे बढ़ सकें।
राज्यपाल को राजुवास स्वर्णिम दशक स्मारिका, जैविक पशुपालन एवं उत्पाद पोस्टर और राजुवास बुलेटिन का ई-प्रजेन्टेशन किया। राजुवास की एक दशक यात्रा पर डॉक्यूमेन्ट्री प्रस्तुत की गई। विश्वविद्यालय के कुलपति श्री विष्णु शर्मा ने दस वर्ष के कार्यों की झलक प्रस्तुत की। राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्द राम जायसवाल, पूर्व कुलपति श्री ए.के गहलोत सहित अनेक गणमान्य नागरिक मौजूद थे। समारोह में स्वागत उद्बोधन श्री हेमन्त दाधीच और आभार श्री आर.के सिंह ने ज्ञापित किया।
Sir Exam Kab H Ahdp ki kab hogi sir
New dates will be announced.