राज्य कृषि समाचार (State News)

नरवाई नहीं जलाने के लिए बैनर से प्रचार-प्रसार करें

25 मार्च 2025, शाजापुर: नरवाई नहीं जलाने के लिए बैनर से प्रचार-प्रसार करें – कलेक्टर सुश्री ऋजु बाफना ने सहकारिता, ग्रामीण विकास, नगरीय निकायों, कृषि उपज मंडियों के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि अपनी  अधीनस्थ ग्राम पंचायतों एवं नगर पालिका एवं नगर परिषदों के सार्वजनिक स्थानों एवं कृषि उपज  मंडियों  के प्रांगण में नरवाई न जलाने से संबंधित बैनर लगाकर प्रचार-प्रसार करें। कलेक्टर सुश्री बाफना द्वारा बैनर की साफ्ट कॉपी भी संबंधित विभागों को पत्र के माध्यम से प्रेषित की गई है। जिला प्रशासन द्वारा किसानों  के लिए नरवाई जलाने से होने वाले नुकसानों से अवगत कराने के लिए नरवाई नहीं जलाएं, गौ-माता का भोजन बचाएं संबंधी बैनर-पोस्टर जारी किया है।

नरवाई जलाने से नुकसान – मिट्टी की उर्वरता कम हो जाती है ।  मिट्टी में उपस्थित लाभदायक  नष्ट हो जाते हैं ।  मृदा सतह सख्त हो जाती है,  जिससे अगली फसल के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ता है । पर्यावरण प्रदूषण होने से श्वांस संबंधित गंभीर बीमारी और  भूमि में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा कम हो जाती है।

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नरवाई का प्रबंधन कैसे करें ? –   हार्वेस्टर से फसल की कटाई के बाद, नरवाई का भूसा बनाना।  फसल कटाई के बाद गहरी जुताई करे एवं उसके पश्चात रोटावेटर के द्वारा नरवाई के डंठल को मिट्टी में मिश्रित करें। जमीन से सटाकर फसल की कटाई करना और उसके बाद एक गहरी जुताई करना।

नरवाई जलाने पर दण्डात्मक प्रावधान –  आदेश का उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्यवाही एवं अर्थ दण्ड निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार 2 या 2 एकड़ से कम भूमि पर 2500 रूपये, 2 से 5  एकड़  भूमि पर 5 हजार रूपये तथा 5 एकड़ से अधिक भूमि- पर 15 हजार रूपये अधिरोपित किया जा सकेगा।

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