धार जिले में नरवाई प्रबंधन हेतु प्रचार-प्रसार रथ को रवाना किया
10 अप्रैल 2025, धार: धार जिले में नरवाई प्रबंधन हेतु प्रचार-प्रसार रथ को रवाना किया – कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देशन में संयुक्त कलेक्टर जगदीश मेहरा ने बुधवार को नरवाई प्रबंधन के जागरूकता रथ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। यह रथ श्रव्य साधन तथा नरवाई जलाने से होने वाले नुकसान तथा उचित नरवाई प्रबंधन की तकनीक के बैनर से सुसज्जित हैं। नरवाई प्रबंधन रथ जिले के मालवा क्षेत्र के समस्त विकासखंडों की ग्राम पंचायतों में रूट चार्ट अनुसार जाकर प्रचार-प्रसार करेगा तथा लोगों को नरवाई नहीं जलाने के लिए प्रेरित करेगा। कलेक्टर श्री मिश्रा ने जिले के किसानों से आग्रह किया है कि वे नरवाई नहीं जलाएं।
श्री ज्ञानसिह मोहनिया ,उप संचालक कृषि धार ने बताया कि जिले के मालवा क्षेत्र में रबी मौसम में लगभग 3 लाख 12 हजार हेक्टेयर में गेहूं की खेती की गई। वर्तमान में गेहूं कटाई का कार्य लगभग समाप्ति की ओर है। गेहूं की कटाई हार्वेस्टर से करने के बाद कुछ किसान भाई फसल अवशेष (नरवाई) में आग लगाकर खेत की सफाई करते हैं। नरवाई जलाने से वायु प्रदूषण के साथ-साथ मिट्टी में मौजूद सूक्ष्म जीव केंचुआ आदि मर जाते हैं और भूमि कठोर हो जाती है जिससे जिससे खेत की तैयारी में अधिक ऊर्जा एंव समय समय लगता है। साथ ही मृदा का कार्बनिक पदार्थ भी नष्ट हो जाता है जिससे खेत की उपजाऊ क्षमता पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जिससे दिनोंदिन उत्पादकता कम होती जा रही है। नरवाई जलाने से पशुओं का चारा (भूसा) भी जलकर नष्ट हो जाता है। जिससे नरवाई जलाना किसानों के लिए एक आत्मघाती कदम है।3 अप्रैल से 17 अप्रैल तक पुनः मैदानी अमले द्वारा कृषकों को नरवाई न जलाने की सलाह दी जा रही है। जागरूकता रथ के माध्यम से कृषकों को स्ट्रॉ रीपर (भूसा मशीन) से भूसा बनाना, मल्चर मशीन और जिले मे उपयोग हो रहे पाटे नामक यंत्र द्वारा फसल अवशेषों को बारीक काटकर खेत में मिलाकर जैविक खाद बनाना, सुपर सीडर से बिना नरवाई में आग लगाये सीधे तीसरी फसल मूंग की बुआई करना, स्ट्रॉ रीपर के बाद रोटावेटर या गहरी जुताई करना आदि के बारे में कृषकों को जानकारी दी जावेगी।नरवाई जलाने पर आर्थिक दंड का भी प्रावधान किया गया है। जिसके पास 2 से 5 एकड़ तक की भूमि है, उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 5 हजार रुपये प्रति घटना और जिसके पास 5 एकड़ से अधिक भूमि है तो उसको नरवाई जलाने पर पर्यावरण क्षति के रूप में 15 हजार रुपये प्रति घटना के मान से आर्थिक दण्ड भरना होगा।
इस अवसर पर उपसंचालक कृषि श्री मोहनिया सहायक कृषि यंत्री श्री अभिषेक अग्रवाल, उपयंत्री श्री पंकज पाटीदार, सहायक संचालक कृषि संगीता तोमर , अनुविभागीय अधिकारी कृषि अनुविभाग धार उर्मिला धुर्वे, सहायक मिट्टी परीक्षण अधिकारी श्री कैलाश पचाया, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी श्री संतोष पाटीदार सहित अन्य संबंधित उपस्थित थे।
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