राष्ट्रीय कृषि समाचार (National Agriculture News)

भारत-इजराइल ने कृषि क्षेत्र में नया समझौता किया: बागवानी और खाद्य सुरक्षा पर जोर

09 अप्रैल 2025, नई दिल्ली: भारत-इजराइल ने कृषि क्षेत्र में नया समझौता किया: बागवानी और खाद्य सुरक्षा पर जोर – भारत और इजराइल ने कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करने के लिए एक नया समझौता किया है। मंगलवार को नई दिल्ली के राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और इजराइल के कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री अवि दिख्तर ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह बैठक अवि दिख्तर की भारत की पहली आधिकारिक यात्रा के दौरान हुई।

इस समझौते का मकसद मृदा और जल प्रबंधन, बागवानी, फसल-पश्चात प्रसंस्करण, कृषि मशीनीकरण, पशुपालन और अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ाना है। दोनों पक्षों ने खाद्य सुरक्षा, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, गुणवत्ता वाले बीज, कीट प्रबंधन, क्षमता निर्माण और उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के विस्तार जैसे मुद्दों पर एक साथ काम करने पर सहमति जताई। इसके अलावा, एक पंचवर्षीय बीज सुधार योजना (एफवाईएसआईपी) की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई, जिसका लक्ष्य कृषि उत्पादकता और स्थायित्व को बढ़ाना है।

बैठक में बागवानी क्षेत्र में चल रहे सहयोग की समीक्षा की गई और बाजार पहुंच जैसे मुद्दों पर विचार साझा किए गए। इजराइल ने भारत के डिजिटल कृषि मिशन में रुचि दिखाई, जो किसानों को तकनीकी सहायता प्रदान करने पर केंद्रित है। दोनों देशों ने एक संयुक्त कार्यसमूह बनाने का फैसला किया, जो निर्धारित लक्ष्यों और समय-सीमा के साथ एक रोडमैप तैयार करेगा।

इजराइल के मंत्री अवि दिख्तर ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों को देखते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नवाचार जरूरी है। उन्होंने उच्च उपज देने वाले बीजों और प्रौद्योगिकी विकास में सहयोग की संभावनाओं पर जोर दिया। वहीं, शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भारत और इजराइल के बीच 43 उत्कृष्टता केंद्रों का नेटवर्क है, जिनमें 35 पूरी तरह सक्रिय हैं। उन्होंने इजराइल की उत्कृष्टता गांव (वीओई) अवधारणा की सराहना की, जिसके तहत हर केंद्र 30 गांवों को जोड़ेगा।

बैठक में भारतीय और इजरायली वैज्ञानिकों के बीच सहयोग पर भी चर्चा हुई, ताकि उन्नत बीज किसानों तक पहुंच सकें। बढ़ती आबादी और घटती जोत के बीच उत्पादकता बढ़ाने की चुनौती पर भी बात हुई। दोनों पक्षों ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा संकट को हल करने में अपनी भूमिका पर विचार साझा किए।

इजराइली प्रतिनिधिमंडल में राजदूत रियुवेन अजार और विदेश व्यापार के डिप्टी डायरेक्टर जनरल याकोव पोलेग शामिल थे। भारतीय पक्ष से कृषि विभाग के सचिव देवेश चतुर्वेदी, एकीकृत बागवानी विकास मिशन और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

यह समझौता दोनों देशों के बीच 1993 से चले आ रहे कृषि सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक कदम है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सहयोग से भारतीय किसानों को नई तकनीकों तक पहुंच मिल सकती है, लेकिन इसका प्रभाव गांव स्तर तक पहुंचाने के लिए ठोस कार्यान्वयन जरूरी होगा।

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