State News (राज्य कृषि समाचार)

गेहूं को जड़ माहू कीट से बचायें

Share

24 नवम्बर 2023, सीहोर: गेहूं को जड़ माहू कीट से बचायें – रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं के बेहतर उत्पादन के लिए कृषि विभाग के अधिकारी एवं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने इछावर विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम सेवनिया, खेरी, निपानिया में गेहूं फसल का निदानिक भ्रमण किया। इस दौरान गेहूं फसल में जड़ माहू कीट का प्रकोप दिखाई दिया है। वैज्ञानिक  श्री धर्मेन्द्र पटेल ने बताया  गेहूं फसल के खेतों में स्थान-स्थान पर पौधे पीले होकर सूख रहे हैं। समय पर निदान न किये जाने पर इस कीट द्वारा गेहूं फसल में बड़ी क्षति की सम्भावना रहती है।

जड़ माहू कीट गेहूं के पौधे के जड़ भाग में चिपका हुआ रहता है जो निरन्तर रस चूसकर पौधे को कमजोर व सुखा देता है। प्रभावित खेतों में पौधे को उखाड़कर ध्यान से देखने पर बारीक-बारीक हल्के पीले, भूरे व काले रंग के कीट चिपके हुए दिखाई देते हैं। मौसम में उच्च आर्द्रता व उच्च तापमान होने पर यह कीट अत्यधिक तेजी से फैलता है। अनुकूल परिस्थितियाँ होने पर यह कीट सम्पूर्ण फसल को नष्ट करने की क्षमता रखता है। ऐसी स्थिति में वैज्ञानिकों की अनुसंशा जिन क्षेत्रों में अभी तक गेहूं फसल की बुवाई नहीं की गयी है, वहां पर बुवाई से पूर्व इमिडाक्लोप्रिड 48 प्रतिशत एफएस की 1 मिली दवा अथवा  थायोमेथॉक्सम 30 प्रतिशत एफएस दवा की 1.5 मिली मात्रा प्रति किग्रा की दर से बीज उपचार अवश्य करें। जिन क्षेत्रों में बुवाई कार्य पूर्ण किया जा चुका है व कीट प्रकोप के लक्षण प्रारम्भिक अवस्था में हैं वहाँ किसान भाई इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल की 80-100 मिली मात्रा अथवा  थायोमेथॉक्सम 25 प्रतिशत डब्लूपी की 80 ग्राम मात्रा अथवा एसिटामिप्रिड 20 प्रतिशत एसपी दवा की 60 ग्राम मात्रा प्रति एकड़, 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें या किसान भाई थायोमेथॉक्सम 30 प्रतिशत कीटनाशक की 250 मिली मात्रा को 50 किलो यूरिया खाद में मिलाकर खेतों में प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें। जिले के उप संचालक कृषि श्री के. के. पाण्डेय ने कृषकों से अपील की है गेहूं एवं चना फसलों पर सतत निगरानी रखें। कीट व्याधि की स्थिति में नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारी को सूचना दें।

(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)

(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़,  टेलीग्राम)

Share
Advertisements