अब निर्यात में और कसावट लाने जा रही है सरकार
18 नवंबर 2024, उज्जैन: अब निर्यात में और कसावट लाने जा रही है सरकार – देश का फूड बास्केट कहलाने वाला प्रदेश जल्द ही देश दुनिया तक अपने उत्पादों की लंबी श्रृंखला पहुंचाएगा। पांच साल में प्रदेश से उत्पादों का निर्यात बढ़ा है। 2018-19 में जहां निर्यात 44,639 करोड़ का था। 2023-24 में यह बढ़कर 65,255 करोड़ रुपए का हो गया। जिन देशों में वेज फूड की कमी है, वहां प्रदेश वेजफूड के लिए डिहाइड्रेट उत्पाद मुहैया कराता है।
अमेरिका, चीन जैसे देशों तक मध्य प्रदेश से उत्पाद भेजे जाते हैं। इसे देखते हुए सरकार अब निर्यात में और कसावट लाने जा रही है। इसके तहत हर उत्पाद के निर्यात की कुंडली बनाई जाएगी। सभी उत्पादों के आंकड़े एक ही छत के नीचे रहेंगे। इससे जहां उत्पादों की पूरी श्रृंखला एक साथ नजर आएगी, वहीं निर्यात की निगरानी भी आसान होगी। इतना ही नहीं, किसी उत्पाद के निर्यात में समस्या आई तो समय रहते इसे दूर भी किया जा सकेगा। अभी-अभी खाद्य, उद्यानिकी, वाणिज्य सहित अन्य अलग-अलग निर्यात के आंकड़े विकेंद्रीकृत हैं।
अभी लक्ष्य से पीछे प्रदेश ने दो साल पहले निर्यात के नए लक्ष्य तय किए थे। वर्ष 2030 तक 4 लाख करोड़ के निर्यात तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा। लेकिन यह लक्ष्य अभी काफी पीछे है। वर्ष 2023-24 में प्रदेश से 65255 करोड़ रुपए के सामान भेजे गए। अब निर्यात में तेजी लाने के प्रयास होंगे। इसी कड़ी में एक जिला एक उत्पाद पर भी काम हुआ, उसमें भी अपेक्षाकृत सफलता नहीं मिली। अभी गेहूं, चावल, दवाइयां, उद्यानिकी फसल और उत्पाद का निर्यात अच्छा है। सरकार के पास चुनिंदा उत्पादों के निर्यात के पूरे आंकड़े हैं, लेकिन कोई कॉमन प्लेटफार्म न होने से सभी आंकड़े एक साथ मिलेंगे। अब इस पर काम होगा। निगरानी में कसावट आएगी। अभी कई स्टार्टअप बेहतर निर्यात कर रहे हैं। इसलिए भी यह सेक्टर फोकस में रहेगा।
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