मूंगफली की फसल में पत्ती धब्बा रोग हो सकता है, इसलिए रहे किसान सावधान
24 अगस्त 2025, उज्जैन:मूंगफली की फसल में पत्ती धब्बा रोग हो सकता है, इसलिए रहे किसान सावधान – मूंगफली की फसल में पत्ती धब्बा रोग हो सकता है. इसके पीछे कारण बारिश है लेकिन कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को इससे बचाव की सलाह भी दी है। किसानों से कहा गया है कि फसल को बचाने के लिए 0.5 ग्राम बाविस्टिन प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। मूंग, मोठ और लोबिया की फसलों पर जीवाणु झुलसा रोग का प्रकोप दिख सकता है। इस रोग के कारण पत्तियों पर छोटे-छोटे भूरे धब्बे दिखाई देते हैं।
रोकथाम के लिए साफ मौसम वाले दिन स्ट्रेप्टोसाइक्लिन 1 ग्राम और कॉपर फफूंद नाशक 20 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। मूली (किस्म पूसा चेतकी) की बुवाई का यह उचित समय है। इसकी बुवाई के लिए 10-12 किलोग्राम बीज प्रति हैक्टेयर दर का प्रयोग करें। पंक्ति से पंक्ति की दूरी 30-40 सेमी और पौधे से पौधे की दूरी 8-10 सेमी रखें। प्रति हैक्टेयर 20 किलोग्राम नाइट्रोजन, 48 किलोग्राम फास्फोरस और 48 किलोग्राम पोटेशियम का प्रयोग करें। फसलों को सफेद लट से बचाने के लिए एमिडाक्लोरपिड 200 एसएल @ 300 मिलीलीटर को 80-100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से मिट्टी में मिलाएं और बारिश के दिनों में फसलों की पंक्तियों के बीच डालें।
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