बिहार कृषि विभाग ने उर्वरक विक्रेताओं पर नकेल कसी
7 अगस्त 2021, पटना । बिहार कृषि विभाग ने उर्वरक विक्रेताओं पर नकेल कसी – बुवाई के सीजन में मांग बढ़ने के साथ ही उर्वरक की कालाबाजारी भी बढ़ जाती है | उर्वरक की कृत्रिम कमी पैदा कर कतिपय उर्वरक विक्रेता निर्धारित कीमत से अधिक कीमत में उर्वरक बेचने लगते हैं | बिहार के कृषि विभाग ने ऐसे उर्वरक विक्रेताओं पर नकेल कसना शुरू कर दिया है | खरीफ 2021 में अभी तक कुल 1581 छापामारी की गई है, जिसमें से 273 विक्रेताओं की अनुज्ञप्ति निलंबित, 114 अनुज्ञप्ति रद्द, 29 पर प्राथमिकी तथा 486 विक्रेताओं से स्पष्टीकरण की मांग की गई है| सभी जिलों में उर्वरक निगरानी समिति की बैठक जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में लगातार की जा रही है, जिसमें खाद की बिक्री, मूल्य एवं उपलब्धता की नियमित समीक्षा की जाती है| बिहार के कृषि मंत्री श्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह के अनुसार राज्य में रासायनिक उर्वरक की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद भी यदि कोई उर्वरक विक्रेता कालाबाजरी करता है तो कृषि विभाग उस पर कारवाई कर रहा है। उन्होंने ने बताया कि खरीफ 2021 में माह अप्रैल से जुलाई तक यूरिया की 4.80 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता के विरुद्ध भारत सरकार द्वारा राज्य को 31 जुलाई तक 4.50 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया गया है। अगस्त माह में केंद्र द्वारा 2.73 लाख मीट्रिक टन यूरिया का आवंटन दिया गया है।
किसानों की सुविधा के लिए बिहार में कृषि विभाग की ओर से हेल्पलाइन नंबर 0612-2233555 जारी किया गया है। इन नंबरों पर ऐसे दुकानदार की खिलाफ शिकायत की जा सकती है जो उर्वरक का अधिक मूल्य वसूल रहे है या उर्वरक की कालाबाजारी कर रहें है। इसके अलावा इन नंबर पर किसानों की हर प्रकार की शिकायत का समाधान किया जाएगा और उचित मार्गदर्शन भी प्रदान किया जाएगा। इस हेल्पलाइन नं. पर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक संपर्क कर सकते हैं | इसके अलावा अपने जिला पदाधिकारी / जिला कृषि पदाधिकारी से भी संपर्क किया जा सकता है |
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