गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 10.70 करोड़ रुपए का भुगतान
पहली बार राजधानी के बाहर से मुख्यमंत्री ने राशि जारी की
11 मई 2022, रायपुर । गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 10.70 करोड़ रुपए का भुगतान – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बलरामपुर जिले के राजपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 70 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की।इस राशि में 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.34 करोड़ रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों को 5.04 करोड़ और महिला समूहों को 3.32 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल हैं। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिव कुमार डहरिया, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव एवं समन्वयक गोधन न्याय मिशन श्री आलोक शुक्ला, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ.कमलप्रीत सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
गोधन न्याय योजना देश-दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 15 अप्रैल तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 136.22 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। आज गोबर विक्रेताओं को 2.34 करोड़ रूपए का भुगतान होने के बाद यह आंकड़ा बढ़कर 138.56 करोड़ रूपए हो गया है। गौठान समितियों को भी अब तक 54.53 करोड़ रूपए तथा महिला स्व-सहायता समूहों 35.66 करोड़ रूपए राशि लाभांश का भुगतान किया जा चुका है।
गौठानों में क्रय गोबर से विद्युत उत्पादन की शुरुआत की जा चुकी है। गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने के लिए एमओयू हो चुका है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप गौठानों को रूरल इण्डस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। यहां आयमूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए तेजी से कृषि एवं वनोपज आधारित प्रसंस्करण इकाईयां स्थापित की जा रही हैं। प्रथम चरण में राज्य के 161 गौठानों में तेल मिल तथा 197 गौठानों में दाल मिल स्थापित किए जाने की कार्ययोजना पर अमल शुरू कर दिया गया है। अब तक 38 गौठानों में तेल मिल एवं 91 गौठानों में दाल मिल की स्थापना की जा चुकी है।