पांढुर्ना के पटवारी पर फसल नुकसानी मुआवजा राशि में गड़बड़ी करने का आरोप
काराघाट कामठी के प्रभावित किसानों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा
30 अगस्त 2024, (उमेश खोड़े, पांढुर्ना): पांढुर्ना के पटवारी पर फसल नुकसानी मुआवजा राशि में गड़बड़ी करने का आरोप – किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसल क्षति होने पर फसल मुआवजे की राशि वैसे ही न तो कभी समय पर मिलती है और न ही सही मिलती है। ऐसे में यदि मिलने वाली मुआवजा राशि में भी गड़बड़ी हो जाए , तो यह किसानों के साथ जले पर नमक छिड़कने के समान है। ऐसा ही एक मामला पांढुर्ना तहसील के ग्राम काराघाट कामठी का सामने आया है , जिसमें वहां के किसानों ने हल्का नंबर 8 के पटवारी पर मुआवजे की राशि अपने परिचितों , रिश्तेदारों और कोटवार के खाते में जमा करने का आरोप लगाया है। इसे लेकर प्रभावित किसानों ने गत दिनों कलेक्टर श्री अजय देव शर्मा को ज्ञापन सौंपकर उचित कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि पांढुर्ना तहसील में रबी सीजन 2023 -24 में ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का आरबीसी 6 -4 के तहत कृषि विभाग से ग्राकृवि अधिकारी ,बीमा कम्पनी के कर्मचारी /अधिकारी और राजस्व विभाग से 3 पटवारी श्री रामनाथ पंद्रे, श्री गोकुल गोहिते और श्री डी आर तुडमाड की संयुक्त टीम द्वारा सर्वे किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम काराघाट कामठी पंचायत में 230 किसान हैं , जिनमें से केवल 68 किसानों के खातों में ही मुआवजा राशि डाली है। किसानों का आरोप है कि इस मामले में लापरवाही हुई है। कई किसानों की फसल का अधिक नुकसान हुआ, फिर भी उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला। जिन्होंने गेहूं नहीं बोया उनके खातों में भी राशि डाली गई है।किसानों का कहना है कि हल्का नंबर 8 के पटवारी श्री गोकुल गोहिते द्वारा किसानों के खाते में राशि न भेजकर अपने दो भाइयों और कोटवार सहित 14 लोगों के खाते में राशि डाली गई है। यह राशि 1 लाख 37 हज़ार है।
किसान श्री भगवांशा उइके ने कृषक जगत को बताया कि गांव के कई किसानों को फसल नुकसानी के बाद भी मुआवजा नहीं मिला है। जबकि दूसरी ओर जिस किसान रमेश पिता मधु साहू ने गेहूं नहीं बोए थे उसको भी मुआवजा दिया गया है। पटवारी ने सांठगांठ कर अपने परिचित/ रिश्तेदारों और कोटवार के खातों में 1 लाख 37 हज़ार रु की राशि जमा कराई है। ग्राम धावड़ीखापा के किसान श्री मंसाराम पिता झोट्या खोड़े ने सर्वे टीम द्वारा उनके साथ की गई कारस्तानी का जिक्र करते हुए कहा कि 16 मार्च 2023 को खेत में रबी फसल की नुकसानी का सर्वे करने संयुक्त टीम आई थी। टीम द्वारा पंचनामे में 30% नुकसानी लिखी गई थी , जिस पर भरोसा कर मैंने और आसपास के अन्य किसानों ने हस्ताक्षर किए थे।उस पंचनामे को टीम द्वारा गायब कर दिया गया। 18 अप्रैल को नायब तहसीलदार श्री राजेश पटवा के नेतृत्व में कृषि ,उद्यानिकी और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम ने पुनः सर्वे किया और मनमाने तरीके से 20 % हानि का फर्जी पंचनामा बनाया,जबकि खेत खाली हो चुका था । इस फर्जीवाड़े के कारण मुझे फसल नुकसानी के बावजूद कोई मुआवजा नहीं मिला।
काराघाट कामठी के सरपंच श्री मोहन सलामे ने बताया कि पूरी पंचायत में सर्वे किया गया था, जिसमें से आधे किसानों को ही मुआवजा मिला है। कलेक्टर ने तीन सदस्यीय टीम बनाकर जांच कराने की बात कही है। पार्षद श्री दुर्गेश उइके ने कहा कि पात्र हितग्राही किसानों को मुआवजा नहीं मिला है , इससे उनमें आक्रोश है। ज्ञापन देते समय बड़ी संख्या में गांव के किसान मौजूद थे, जो गांव के कोटवार श्री विजय चिमनराव गोलाइत को अपने साथ लेकर आए थे। कोटवार ने अधिकारियों के समक्ष स्वीकारा कि पटवारी ने सर्वे के बाद मुनादी कराने से मना किया था। इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच कर दोषी लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की गई है।
इस संबंध में पटवारी श्री गोकुल गोहिते ने कृषक जगत को बताया कि जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ था, उनके खाते में राशि जमा की गई। जिनका नुकसान नहीं हुआ ,उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया। वहां के 12 नहीं बल्कि 68 किसानों को मुआवजा दिया गया है। कहा जा रहा है कि लाभान्वित किसान मेरे रिश्तेदार हैं, जो गलत है। वो मेरे रिश्तेदार नहीं है। मैं गोहिते हूँ और वो गोलाइत हैं। एक कैसे हो सकते हैं?
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