अब धान खरीद में नहीं होगी दिक्कत, हरियाणा सरकार ने लागू किया QR कोड वाला गेट पास मॉडल
01 नवंबर 2025, भोपाल: अब धान खरीद में नहीं होगी दिक्कत, हरियाणा सरकार ने लागू किया QR कोड वाला गेट पास मॉडल – हरियाणा सरकार ने धान खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी और तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब राज्य की सभी अनाज मंडियों में किसानों को ई-खरीद मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से क्यूआर कोड आधारित गेट पास जारी किया जाएगा। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य फर्जी गेट पास, प्रॉक्सी खरीद और अन्य अनियमितताओं पर रोक लगाना है, जो बीते सीजन में कई मंडियों से सामने आई थीं।
राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से जारी निर्देशों के अनुसार, अब पुरानी वेब-आधारित गेट पास प्रणाली को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। नई व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है और सभी जिलों के उपायुक्तों (DC), जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रकों (DFSC) और संबंधित एजेंसियों को इसका पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
डिजिटल तरीके से बनेगा किसानों का गेट पास
नई प्रणाली के तहत किसान अब किसी भी स्थान से अपने मोबाइल या कंप्यूटर के जरिए गेट पास बना सकेंगे। हालांकि, पास पर दिखाई देने वाला क्यूआर कोड और पास नंबर तभी सक्रिय होगा, जब किसान उसी मंडी में प्रवेश करेगा, जिसके लिए पास जारी किया गया है।
मंडी में प्रवेश के समय गेटकीपर किसान के पास मौजूद क्यूआर कोड को स्कैन करेगा, जिससे उसकी पहचान और गेट पास की वैधता की पुष्टि हो सकेगी। यह स्कैनिंग प्रक्रिया तभी संभव होगी जब किसान और गेटकीपर दोनों मंडी परिसर में मौजूद हों।
सिस्टम के तहत गेटकीपर के मोबाइल की डिवाइस आईडी भी रिकॉर्ड की जाएगी, ताकि जवाबदेही तय हो सके और किसी भी स्तर पर गड़बड़ी की संभावना समाप्त हो जाए।
सुरक्षा और निगरानी के लिए मजबूत डिजिटल सिस्टम
डिजिटल सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सभी गेटकीपर, निरीक्षक और नीलामी रिकॉर्डर को अब ओटीपी (OTP) आधारित लॉगिन सिस्टम का इस्तेमाल करना होगा। ओटीपी केवल पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा और प्रत्येक उपयोगकर्ता का खाता एक समय में सिर्फ एक डिवाइस पर सक्रिय रहेगा। यदि कोई अन्य डिवाइस से लॉगिन करने की कोशिश करेगा तो पिछला सत्र स्वतः समाप्त हो जाएगा।
अधिकारियों का कहना है कि इस तकनीक से विभिन्न आईपी पतों से फर्जी गेट पास जारी करने की प्रवृत्ति पर पूरी तरह रोक लगेगी। पहले कुछ मंडियों में कम पैदावार के बावजूद धान की आवक अधिक दर्ज की गई थी, जिससे यह आशंका जताई गई थी कि उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से धान लाकर रिकॉर्ड बढ़ाया जा रहा है।
अनियमितताओं पर सख्त कार्रवाई की तैयारी
हाल ही में करनाल जिले में कुछ चावल मिलों में 13,000 क्विंटल से अधिक धान की कमी पाए जाने के बाद प्रशासन ने मिलों के स्टॉक और गेट पास की गहन जांच शुरू कर दी है। जिला प्रशासन ने करनाल, घरौंडा, तरौरी, निसिंग और जुंडला जैसे प्रमुख खरीद केंद्रों पर विशेष टीमें तैनात की हैं जो जारी किए गए पास और मिल रिकॉर्ड का भौतिक सत्यापन कर रही हैं।
उपायुक्त उत्तम सिंह ने बताया कि धान के आवंटन और खरीद से जुड़ी हर गतिविधि की बारीकी से जांच की जा रही है। किसी भी स्तर पर गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित अधिकारियों और व्यापारियों पर कड़ी प्रशासनिक और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसानों के लिए सुविधाजनक और पारदर्शी व्यवस्था
नई डिजिटल प्रणाली से किसानों को मंडियों में बार-बार आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वे अपने घर या गांव से ही गेट पास बना सकेंगे और मंडी पहुंचते ही उसे स्कैन करवा सकेंगे। इससे न केवल समय और श्रम की बचत होगी बल्कि खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
अधिकारियों का मानना है कि ई-खरीद एप और क्यूआर कोड आधारित व्यवस्था आने वाले सीजन में धान खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह स्मार्ट और ट्रैक करने योग्य बना देगी। इससे फर्जीवाड़ा खत्म होगा और किसानों का भरोसा प्रणाली पर और मजबूत होगा।
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