राज्य कृषि समाचार (State News)

अब आटे ने भी दिया लोगों को ’महंगाई’ का झटका

27 दिसंबर 2024, उज्जैन: अब आटे ने भी दिया लोगों को ’महंगाई’ का झटका – आटे की बढ़ती कीमतों ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है। दरअसल कान्टार रिपोर्ट में यह सामने आया है कि आटे की कीमत लगातार बढ़ रही है। बता दें कि शहर में अधिकांश घरों में बाजारों में मिलने वाला आटा ही उपयोग में लाया जाता है लेकिन बीते कुछ दिनों से आटे के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और इसका असर परिवारों के घरेलू बजट में भी दिखाई दे रहा है।

गेहूं का आटा रोजमर्रा के भोजन का जरूरी हिस्सा है, वहां आटे की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने घरों का बजट बिगाड़ दिया है। ये समस्या इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि आटे की कीमत 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं।  कान्टार रिपोर्ट के मुताबिक इस बढ़ोतरी के असर से सबसे ज्यादा प्रभावित ग्रामीण इलाके हो रहे हैं। यहां परिवारों के खर्चे बढ़ गए हैं और एफएमसीजी सेक्टर की ग्रोथ भी इससे धीमी पड़ गई है। इसी तरह शहरी क्षेत्रों में भी एफएमसीजी का विकास धीमा होकर 4.5 परसेंट रह गया है। खास बात है कि गेहूं के आटे का दाम इस धीमे विकास की सबसे बड़ी वजह बन गई है। आटे की कीमतें दिसंबर में 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं, ये कीमत जनवरी 2009 के बाद सबसे ज्यादा है। आटे की कीमतों में इस बढ़ोतरी के असर से खाद्य महंगाई पर नियंत्रण पाने की सरकार की कोशिशों को तगड़ा झटका लगने की आशंका है।  बता दें कि शहर में ऐसे कई परिवार है जो गेहूं की खरीदी करने की बजाय तैयार आटा लेना पसंद करते है। इसके पीछे कारण यह बताया जाता है कि गेहूं की साल संभाल करना थोड़ा मुश्किल होता है वहीं गेहूं को साफ करने के बाद उसे आटा चक्की में लेजाकर पीसवाने के लिए भी समय नहीं होता है लिहाजा यही कारण है कि बाजारों में मिलने वाला आटा लाना ही अधिकांश लोग पसंद करते है लेकिन जिस तरह से आटे की कीमत बढ़ रही है उससे लोगों का घरेलू बजट बिगड़ने लगा है।

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