राज्य कृषि समाचार (State News)

नीम एक प्रकृति का वरदान, करता है कीटों का खात्मा

30 अगस्त 2025, भोपाल: नीम एक प्रकृति का वरदान, करता है कीटों का खात्मा – जी हां ! नीम एक प्रकृति वरदान तो है ही लेकिन किसानों के लिए भी यह उपयोगी साबित हो रहा है क्योंकि कृषि वैज्ञानिकों ने नीम का उपयोग करने की सलाह किसानों की दी है. कहा गया है कि इसका प्रयोग कीटों का खात्मा कर देता है.

किसानों को अब जरूरत है एक ऐसा विकल्प अपनाने की जो लंबे समय तक असर करे, पर्यावरण और मिट्टी के लिए सुरक्षित हो, और मित्र कीटों को नुकसान ना पहुंचाए. ऐसा ही एक समाधान है – माइक्रोएनकैप्सुलेशन टेक्नोलॉजी आधारित जायटॉनिक नीम.

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नीम को आयुर्वेद और कृषि दोनों में अमूल्य औषधि माना गया है. नीम के तेल में मौजूद एजाडिरेक्टिन  नामक तत्व कीटों के जीवन चक्र को प्रभावित करता है. यह न केवल कीटों के अंडों को नष्ट करता है, बल्कि उन्हें अंडा देने से भी रोकता है. यही नहीं, कीट जब नीम से कड़वे हुए पत्ते खाते हैं, तो उनकी प्रजनन क्षमता घट जाती है. इसके साथ ही नीम मित्र कीटों और पर्यावरण के लिए नुकसानदायक नहीं है. इसलिए इसकी सिफारिश विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय और अनुसंधान संस्थान जैसे (हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (HAU), पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU), राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय) भी कर चुके हैं.
रासायनिक कीटनाशकों का अत्यधिक और लगातार उपयोग न केवल फसलों के लिए हानिकारक है, बल्कि मिट्टी, जल और पर्यावरण के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है.

जैसे कपास की फसल का ही उदाहरण लें – इसमें लगभग 12 तरह के कीट नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन 172 तरह के कीट ऐसे भी होते हैं जो मित्र कीट  होते हैं. ये मित्र कीट प्राकृतिक रूप से हानिकारक कीटों को नियंत्रित रखकर फसल की रक्षा करते हैं. लेकिन जब किसान रासायनिक कीटनाशकों का छिड़काव करते हैं, तो वह अच्छे-बुरे सभी कीटों को मार देता है. इससे फसल पर जो प्राकृतिक संतुलन बना रहता है, वह टूट जाता है.

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मित्र कीटों की संख्या कम होती जाती है, और हानिकारक कीटों की संख्या तेजी से बढ़ने लगती है क्योंकि अब उन्हें रोकने वाला कोई प्राकृतिक शत्रु नहीं बचता. साथ ही ये कीट इतने तेज़ी से अनुकूलन कर लेते हैं कि किसी भी कीटनाशक के खिलाफ जल्दी प्रतिरोध विकसित कर लेते हैं.

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ज़ायडेक्स कंपनी द्वारा निर्मित जायटॉनिक नीम में एजाडिरेक्टिन (Azadirachtin) नामक तत्व 300 ppm तक रखा जाता है. वही इस नीम तेल को और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इसमें कंपनी ने माइक्रोएनकैप्सुलेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया है. इसे हम “बूंद पर मजबूत पकड़” वाली तकनीक भी कह सकते हैं. इसी तकनीक का प्रयोग नीम तेल के फार्मूलेशन में किया गया है. माइक्रोएनकैप्सुलेशन टेक्नोलॉजी से तैयार जायटॉनिक नीम का पत्तियों पर जब छिड़काव किया जाता है, तो निम्नलिखित फायदे होते हैं-

  • पत्तों पर असर लंबे समय तक बना रहता है, क्योंकि यह इसको पत्ते पर लंबे समय तक रोक कर रखता है.
  • नीम तेल की वजह से पत्ते कड़वे हो जाते हैं, जिससे कीट अंडे नहीं दे पाते.
  • मित्र कीट सुरक्षित रहते हैं.
  • जैविक तरीका होने से मिट्टी और पर्यावरण पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ता.
  • दूसरे कीटनाशकों (इन्सेक्टिसाइड, फंगीसाइड, हर्बीसाइड) के साथ मिलाकर उनके असर को भी बढ़ाया जा सकता है.
  • लागत कम होती है क्योंकि बार-बार छिड़काव करने की जरूरत नहीं पड़ती.

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