देपालपुर क्षेत्र की दुग्ध समितियों के बढ़ते कदम
इंदौर सहकारी दुग्ध संघ की क्षेत्रीय बैठक देपालपुर में संपन्न
13 सितम्बर 2024, (शैलेष ठाकुर, देपालपुर): देपालपुर क्षेत्र की दुग्ध समितियों के बढ़ते कदम – दुग्ध समितियों की क्षेत्रीय बैठक गत दिनों देपालपुर में आयोजित की गई। इसमें दुग्ध संघ अध्यक्ष श्री मोती सिंह पटेल, पूर्व अध्यक्ष, दुग्ध संघ इंदौर श्री उमराव सिंह मौर्य, दुग्ध संघ संचालक श्री प्रह्लाद सिंह पटेल एवं श्री सुरेश पटेल, इंदौर दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दीपक शर्मा, महाप्रबंधक डॉ श्री चिरंजीव चौहान, सहायक महाप्रबंधक श्री आरपीएस भाटिया, प्रबंधक श्री आलोक पाण्डेय, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. धर्मसिंह जगरिया उपस्थित थे।
90% ग्राम पंचायतों में सहकारी दुग्ध समितियों का गठन – बैठक में प्रबंधक श्री आलोक पाण्डेय ने देपालपुर क्षेत्र की दुग्ध समितियों की प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत कर विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि देपालपुर क्षेत्र की लगभग 90% ग्राम पंचायतों में सहकारी दुग्ध समितियों का गठन किया जा चुका है। इस। वर्ष हेतु 12 कार्यरत समितियों को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही नवीन ग्राम में भी दुग्ध समितियां प्रारंभ करने का प्रयास सतत जारी है। वर्तमान में देपालपुर क्षेत्र में 160 दुग्ध समितियां कार्यरत है, जिनमें लगभग 6 हज़ार दुग्ध प्रदायकों द्वारा 45 हज़ार लीटर दूध प्रतिदिन संकलित किया जाता है। प्रति माह लगभग 500 मीट्रिक टन पशु आहार, सात मैट्रिक टन घी दुग्ध समितियों के माध्यम से नियमित रूप से विक्रय किया जा रहा है। इसके साथ ही दुग्ध संघ द्वारा निर्मित विभिन्न साँची उत्पाद भी निरंतर मांग अनुसार पूर्ति की जा रही है । 6 लीटर पैकिंग में सांची गोल्ड दूध, गाय का दूध, स्टैंडर्ड दूध भी शादी एवं अन्य समारोह में मांग अनुसार उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अलावा सांची पॉइंट के माध्यम से भी उत्पाद उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
49 बल्क मिल कूलर स्थापित – स्वच्छ दुग्ध उत्पादन के उद्देश्य से इंदौर दुग्ध संघ के डेरी डाक को केन मुक्त कर इस क्षेत्र में 49 बल्क मिल कूलर विगत वर्षों में स्थापित किए गए हैं, जिनमें 5 हज़ार लीटर क्षमता के दो , 3 हज़ार लीटर क्षमता के चार और शेष 2 हज़ार और 1 हज़ार लीटर क्षमता के बी एम सी हैं। जिनसे स्वच्छ ,उच्च गुणवत्ता वाला एवं कीटाणु रहित दुग्ध प्राप्त हो रहा है।दुग्ध प्रदायकों को भी दुग्ध संकलन के लिए पर्याप्त समय मिलने लगा है। खट्टे तथा फटे दूध की समस्या का भी निदान हुआ है। दो पालियों का दूध एक साथ आने से दुग्ध परिवहन लागत में भी कमी आई है। दुग्ध संघ द्वारा समितियों में दुग्ध व्यवसाय की आधुनिक तकनीकों को लागू कर दुग्ध संघ को पारदर्शी बनाने के साथ स्वच्छ दुग्ध उत्पादन एवं गुणवत्ता को भी प्रभावी बनाया गया है।
41 पशु स्वास्थ्य रक्षकों द्वारा पशुओं का प्राथमिक उपचार – क्षेत्र में वर्तमान में दुग्ध संघ द्वारा प्रशिक्षित 41 पशु स्वास्थ्य रक्षकों द्वारा पशुओं का प्राथमिक उपचार किया जा रहा है।दुधारु पशुओं में नस्ल सुधार कार्यक्रम को बढ़ावा देते हुए इंदौर दुग्ध संघ मात्र ₹100 में गाय की गिर, साहिवाल जर्सी एवं एच एफ नस्ल तथा भैस की मुर्रा नस्ल का सेक्स सॉर्टेड सीमन भी पशुपालकों को उपलब्ध करवा रहा है, जिसमें बछिया या पाड़ी पैदा होने की संभावना 90% होती है।
विभिन्न योजनाओं से दुग्ध उत्पादक लाभान्वित – दुग्ध संघ द्वारा संचालित लगभग सभी योजनाओं को इस क्षेत्र में व्यापक रूप से लागू कर दुग्ध उत्पादकों को लाभान्वित किया जा रहा है। वर्तमान में 13 समितियों में दुग्ध संघ द्वारा के माध्यम से सीधे प्रदायकों के बैंक खाते में भुगतान किया जा रहा है। कई समितियां स्वयं बैंक खाते के माध्यम से भुगतान कर रही है। दुग्ध संघ द्वारा भी बोनस प्रदान किया जा रहा है।अधिकांश समितियां अपने लाभ में से सदस्यों को बोनस वितरण कर रही है। कुछ समितियां अतिरिक्त भाव बढ़ाकर भुगतान कर रही है। इसके अतिरिक्त दुग्ध संघ द्वारा पशुपालकों के प्रशिक्षण एवं धार्मिक यात्रा,पशुओं हेतु ऋण ,भ्रमण योजना दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षा में उच्च प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओं को प्रोत्साहित करने हेतु मेधावी छात्र पुरस्कार योजना दुग्ध समितियों के सदस्य के यहाँ कन्या का जन्म होने पर माता की देखभाल के लिए सांची जननी सुरक्षा योजना, दुग्ध संघ संस्था के सदस्य का निधन होने पर उनके परिवार को आर्थिक सहायता के उद्देश्य से अनुग्रह सहायता योजना का संचालन विगत वर्षों से किया जा रहा है।जिसमें संस्था के कर्मचारियों के निधन पर दुग्ध संघ द्वारा उनके परिवार को 4 लाख रु की आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। गत वर्ष हातोद में सहायक सचिव स्वर्गीय श्री सतीश राठौर एवं दुग्ध समिति जलालपुरा के टेस्टर स्वर्गीय श्री प्रवीण बाघेला के परिवार को दुग्ध संघ द्वारा योजना अंतर्गत सहायता राशि प्रदान की गई है। दुग्ध संघ द्वारा इस वित्तीय वर्ष में साँची चिकित्सा योजना को भी प्रारंभ किया गया है। इसका लाभ भी क्षेत्र के दुग्ध सदस्यों को मिल रहा है।
30 मीट्रिक टन का दुग्ध चूर्ण प्लांट स्थापित – दुग्ध संघ अध्यक्ष श्री मोती सिंह पटेल ने दुग्ध संघ द्वारा संचालित योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी और प्राइवेट डेयरी व्यापारियों की तुलना में दुग्ध संघ में दुग्ध प्रदान करने पर होने वाले लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि समय -समय पर दुग्ध उत्पादकों का लाभ बोनस के रूप में वितरित किया जाता है। उन्होंने मध्यप्रदेश शासन से दुग्ध उत्पादक किसानों के लिए पांच रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि देने की मांग भी की ।उन्होंने बताया कि दुग्ध संघ द्वारा 76 करोड़ रुपये की लागत से 30 मीट्रिक टन का दुग्ध चूर्ण प्लांट लगाया गया है, जिसका संचालन नवंबर में प्रारंभ किया जाएगा इससे लागत में काफी कमी आएगी। दुग्ध प्रदायकों की लागत न बढ़े इसलिए पशु आहार के रेट पिछले दो साल से नही बढ़ाए हैं। श्री दीपक शर्मा , डॉ चिरंजीव चौहान, श्री कृपाराम सोलंकी ,श्री सरदार सिंह ठाकुर,श्री उमराव सिंह मौर्य ने भी संबोधित किया।
150 रुपए में पशुओं का घर पहुँच इलाज – डॉ. जगरिया ने जानकारी दी कि 150 रुपए की रसीद में डॉक्टर घर पहुंच कर पशुओं का इलाज करेंगे जिसमें दवाई एवं चिकित्सा भी शामिल हैं। आपने विभाग की अन्य योजनाओं की भी जानकारी दी। सहकारिता संघ के पूर्व जिला अध्यक्ष श्री राधेश्याम पटेल ने खपत से कम दुग्ध उत्पादन पर चिंता व्यक्त करते हुए इंदौर शहर में चल रहे नकली दुग्ध की जांच कराने तथा दुग्ध का भाव बढ़ाने की मांग रखी।
इस मौके पर श्री अनूप सिंह गहलोत, पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष श्री संतोष ठाकुर , पूर्व सरपंच सुमठा श्री बहादुर सिंह पंवार पूर्व सरपंच शाहपुरा श्री चंदर सिंह पटेल, श्री मजीद खान, श्री पवन जाट, श्री गुरुमुख ठाकुर,श्री नरेंद्र मकवाना,श्री राजेश बड़वाया, श्री दुला पटेल, श्री केदार पटेल, श्री यशवंत गौड़, श्री लीलाधर गेहलोत, श्री मोहन बडवाया, श्री सतीश पटेल श्री,गजराज परमार सहित कई गणमान्य , अध्यक्ष, प्रतिनिधिगण, प्रगतिशील दुग्ध उत्पादक , संस्थाओं के सचिव, व किसान मौजूद थे । संचालन श्री ओपी सोनी ने किया।
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