राज्य कृषि समाचार (State News)

राष्ट्रीय रबी सम्मेलन 2025: छत्तीसगढ़ कृषि मंत्री ने मिलेट्स और कुल्थी के लिए MSP व उपार्जन की मांग उठाई  

17 सितम्बर 2025, भोपाल: राष्ट्रीय रबी सम्मेलन 2025: छत्तीसगढ़ कृषि मंत्री ने मिलेट्स और कुल्थी के लिए MSP व उपार्जन की मांग उठाई – नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय रबी सम्मेलन 2025 में छत्तीसगढ़ के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने भाग लिया। इस सम्मेलन में उन्होंने राज्य के किसानों की समस्याओं और उनकी उम्मीदों को ध्यान में रखते हुए अपने विचार साझा किए। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित कई राज्यों के कृषि मंत्री, कृषि वैज्ञानिक और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

मंत्री नेताम ने कहा कि छत्तीसगढ़ की पहचान मुख्य रूप से धान और मिलेट्स से जुड़ी है। ये केवल खाने का साधन नहीं, बल्कि हमारी परंपरा, संस्कृति और इतिहास का हिस्सा हैं। छत्तीसगढ़ के किसान कठिन हालातों में भी अपनी कृषि परंपरा को जीवित रखे हुए हैं। उन्होंने जोर दिया कि अब समय आ गया है कि इन पारंपरिक फसलों को आधुनिक अनुसंधान और सही नीतियों के साथ मजबूत किया जाए।

परंपरागत धान और मिलेट्स की भूमिका

मंत्री नेताम ने छत्तीसगढ़ की खास सुगंधित धान की किस्मों का उल्लेख करते हुए बताया कि ये किस्में गाँवों की पहचान हैं, लेकिन इनकी कम उपज के कारण किसान ज्यादा लाभ नहीं पा पाते। इसलिए इन किस्मों पर बेहतर अनुसंधान किया जाना चाहिए ताकि उत्पादकता बढ़ सके और इन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में शामिल किया जाए।

उन्होंने मोटे अनाज जैसे कोदो और कुटकी की अहमियत भी बताई, जो किसानों की आजीविका से जुड़े हैं। इन फसलों के लिए एमएसपी घोषित कर सरकारी खरीद सुनिश्चित करना जरूरी है ताकि किसानों को सीधे लाभ मिले। धान की लंबी अवधि वाली किस्मों के कारण रबी की फसल समय पर बोने में आने वाली कठिनाइयों पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया। श्री नेताम ने कहा कि कम अवधि वाली धान किस्मों के विकास पर अनुसंधान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि किसान रबी की फसलें समय पर लेकर उत्पादन क्षमता बढ़ा सकें।

कुल्थी की खेती का उठाया  मुद्दा

कृषि मंत्री ने कुल्थी की खेती पर भी जोर दिया, जो छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर होती है और इसके औषधीय तथा पोषणीय फायदे भी हैं। इसके बावजूद अब तक कुल्थी का समर्थन मूल्य घोषित नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि कुल्थी को भी एमएसपी में शामिल किया जाए, सरकारी उपार्जन की व्यवस्था हो और इसे राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा जाए। साथ ही इसके महत्व को जनता तक पहुँचाने के लिए व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए।

किसानों के लिए समर्पित नीतियाँ और नेतृत्व की प्रशंसा

मंत्री रामविचार नेताम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को किसानों की ताकत से जोड़ा। उन्होंने कहा कि अगर किसानों को सही मूल्य, वैज्ञानिक अनुसंधान और मजबूत बाजार मिलेगा, तो भारत उस लक्ष्य को जरूर हासिल करेगा। उन्होंने कहा कि किसान ही आत्मनिर्भर और विकसित भारत के असली निर्माता हैं।

मंत्री ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व की भी प्रशंसा की और कहा कि एक किसान पुत्र के रूप में वे किसानों की समस्याओं को अच्छे से समझते हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के शासन को भी सराहा, जिन्होंने किसानों के विकास के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की जिंदगी बेहतर हो रही है।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी नेताम के सुझावों का समर्थन किया और भरोसा दिलाया कि इन मुद्दों पर गंभीर कदम उठाए जाएंगे ताकि किसानों को फायदा हो सके।

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