MP: MSP पर मिलावटखोरों ने बेचा मिट्टी-पत्थर, गेहूं घोटाले का खुलासा
26 मई 2025, भोपाल: MP: MSP पर मिलावटखोरों ने बेचा मिट्टी-पत्थर, गेहूं घोटाले का खुलासा – मध्य प्रदेश में जबलपुर के मां रेवा गोदाम में एक बड़ा गेहूं मिलावट घोटाला सामने आया है. जांच में पता चला कि न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) पर सरकार को बेचे जाने वाले गेहूं में मिट्टी और पत्थर मिलाए गए थे. यह खुलासा 2025-26 रबी विपणन सीजन के दौरान प्रशासनिक जांच में हुआ.
खाद्य अधिकारियों की शिकायत के आधार पर मांझोली पुलिस स्टेशन में गोदाम संचालक नीतेश पटेल, खरीद केंद्र प्रभारी शीला बाई कुशवाहा और सबला संकुल स्तर संगठन कनकरदेही के अध्यक्ष के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
जांच में क्या मिला?
जूनियर आपूर्ति अधिकारी कुंजन सिंह राजपूत की लिखित रिपोर्ट के अनुसार, रबी विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं खरीद केंद्र की जांच की गई. मां रेवा गोदाम परिसर में 1,000 सरकारी बोरे और 270 प्लास्टिक की बोरियों में गेहूं भरा हुआ मिला. इसके अलावा, लगभग 100 क्विंटल गेहूं का ढेर भी मौजूद था.
हैरानी की बात यह है कि गोदाम के पीछे 250 प्लास्टिक की बोरियों में मिट्टी और पत्थर भरे हुए थे. पास ही 185 सरकारी बोरियों में मिलावटी गेहूं पाया गया, जिसमें 70-75% मिट्टी, पत्थर और बजरी मिली हुई थी.
मौके से 3 इलेक्ट्रॉनिक तराजू, लाल सिलाई धागे की 2 गठरियां और 65 खाली सरकारी बोरे भी बरामद किए गए. एक गाड़ी में 230 प्लास्टिक की बोरियां मिट्टी और पत्थरों से भरी हुई थीं.
गाड़ी मालिक के बेटे रोहित साहू ने बताया कि गाड़ी उनके पिता के नाम पर रजिस्टर्ड है. गोदाम संचालक नीतेश पटेल के कहने पर कटनी जिले के लम्तरा गांव से मिट्टी से भरी बोरियां 4,500 रुपये प्रति ट्रिप के हिसाब से लाई गईं, और मजदूरों को प्रति बोरी 7 रुपये दिए गए.
खरीद केंद्र में गड़बड़ी
सबला संकुल स्तरीय संगठन कांकड़ेही के ओम साई राम वेयरहाउस (125) में जांच के दौरान 1,020 सरकारी बोरी गायब पाई गईं. खरीदी प्रभारी शीला कुशवाहा इसकी कोई संतोषजनक वजह नहीं दे सकीं.
प्रशासनिक रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि वेयरहाउस संचालक और खरीदी प्रभारी दोनों ही सरकारी गेहूं की बोरियों की हेराफेरी और मिलावट में शामिल थे. मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.
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