वर्ष 2024-25 में इक्कीस लाख से अधिक पशुओं का किया गया बीमा
27 मार्च 2025, भोपाल: वर्ष 2024-25 में इक्कीस लाख से अधिक पशुओं का किया गया बीमा – वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान देश भर में कुल इक्कीस लाख से अधिक पशुओं का बीमा किया गया है। बता दें कि देश में केन्द्र सरकार द्वारा पशुधन बीमा योजना का संचालन किया जा रहा है। यह जानकारी लोकसभा में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल ने दी है। दरअसल इस संबंध में सांसद कीर्ति आजाद द्वारा प्रश्न पूछा गया था।
उन्होंने बताया कि 19वीं पशुधन संगणना के अनुसार देश में 10.08 करोड़ परिवार ऐसे हैं जिनके पास पशुधन या पोल्ट्री है। पशुपालन राज्य मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत पशुधन बीमा कार्यकलाप मांग के आधार पर संचालित होता है। विभाग राज्यों को पशुधन बीमा योजना के प्रस्ताव भेजने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है ताकि अधिक पशुधन को सम्मिलित किया जा सके। पशुपालन मंत्री ने लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया कि पशुधन बीमा को बढ़ावा देने के लिए सभी श्रेणियों और क्षेत्रों के लिए प्रीमियम का लाभार्थी हिस्सा मौजूदा 20-50 प्रतिशत के बजाय 15 प्रतिशत कर दिया गया है। यानी की अब पशुपालक केवल 15 प्रतिशत राशि देकर ही अपने पशु का बीमा करा सकते हैं। शेष राशि केंद्र एवं राज्य सरकारों के द्वारा दी जाती है।
वहीं पर्वतीय और उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए 90 प्रतिशत राशि का वहन केंद्र सरकार द्वारा एवं 10 प्रतिशत राशि का वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। वहीं अन्य सामान्य राज्यों में केंद्र सरकार द्वारा 60 प्रतिशत एवं राज्य सरकारों द्वारा 40 प्रतिशत राशि दी जाती है। वहीं संघ राज्य क्षेत्रों के लिए 100 प्रतिशत केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है।
इसके अलावा पशुपालन विभाग पशुओं को बीमा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संगोष्ठी और शिविर, प्रचार, वीडियो कॉन्फ्रेंस जैसे व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। पशुपालन और डेयरी विभाग राज्य सरकारों को जागरूकता पैदा करने में सहायता प्रदान कर रहा है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन योजना के तहत जागरूकता और प्रचार के लिए राज्यों को 100 प्रतिशत केन्द्रीय सहायता प्रदान की जाती है। इसके अलावा क्षेत्रीय समीक्षा बैठकों के दौरान राज्यों को बीमा कवरेज बढ़ाने के निर्देश भी दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त विभाग पशुधन बीमा कार्यक्रम के पारदर्शी और कुशल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक समर्पित ऑनलाइन पोर्टल तैयार कर रहा है।
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