मध्यप्रदेश: शहडोल में 32 महिलाओं को मिला जैविक सब्जी उत्पादन व नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण
01 सितम्बर 2025, भोपाल: मध्यप्रदेश: शहडोल में 32 महिलाओं को मिला जैविक सब्जी उत्पादन व नर्सरी प्रबंधन का प्रशिक्षण – सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI), शहडोल में एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मध्यप्रदेश शासन की ग्रामीण आजीविका मिशन योजना के तहत चलाया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है।
इस प्रशिक्षण का नेतृत्व संस्था के संचालक संजय पुंडलिक ने किया। इस दौरान जिले के विकासखंड सोहागपुर, बुढार, जयसिंहनगर, ब्यौहारी और गोहपारू की गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली 32 महिलाओं को चुना गया। ये सभी महिलाएं स्व सहायता समूहों से जुड़ी थीं।
12 दिवसीय प्रशिक्षण: जैविक खेती और नर्सरी प्रबंधन पर फोकस
इस 12 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को जैविक सब्जी उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन की संपूर्ण जानकारी दी गई। इसका उद्देश्य उन्हें ऐसा कौशल सिखाना था जिससे वे आगे चलकर अपना स्वरोजगार स्थापित कर सकें और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनें। प्रशिक्षण के बाद, ओम प्रकाश चतुर्वेदी, परीक्षा नियंत्रक एवं प्रमाणीकरण अधिकारी, रूडसेटी (भारत सरकार, भोपाल) के निर्देशन में परीक्षा आयोजित की गई।
प्रशिक्षण के बाद लिखित और मौखिक परीक्षा
परीक्षा में दो विशेषज्ञ उपस्थित थे। इनमें रामसुख दुबे, जो सब्जी उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन से संबंधित परीक्षा ले रहे थे (कटनी से) और दूसरे, पवन कुमार पांडे (शहडोल से), जो बैंकिंग से संबंधित परीक्षा ले रहे थे।
परीक्षा दो भागों में ली गई – लिखित और मौखिक, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाओं को दी गई जानकारी सही तरीके से समझ आई है। प्रशिक्षण में महिलाओं को सब्जी उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन से जुड़ी पूरी जानकारी दी गई। इसमें बीजों की किस्में, उत्पादन के लाभ, कीट-रोग की पहचान व जैविक नियंत्रण, मिट्टी जांच, जैविक खाद व कीटनाशक निर्माण, मल्चिंग, ड्रिप-स्प्रिंकलर सिंचाई, और पालीहाउस तकनीक जैसे आधुनिक विषय शामिल थे।
बैंकिंग से जुड़ी जानकारी भी दी गई
प्रशिक्षण में केवल जैविक खेती और नर्सरी प्रबंधन ही नहीं, बल्कि बैंकिंग से जुड़ी मूलभूत जानकारी भी महिलाओं को दी गई। उन्हें बताया गया कि उद्यमशील व्यक्तियों की क्या विशेषताएं होती हैं, बैंकों में कौन-कौन से प्रकार के खाते खोले जाते हैं, और विभिन्न बीमा योजनाएं कौन-सी होती हैं। इसके साथ ही बैंकिंग से जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विषयों की भी विस्तार से जानकारी दी गई, ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से जागरूक होकर अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें।
(नवीनतम कृषि समाचार और अपडेट के लिए आप अपने मनपसंद प्लेटफॉर्म पे कृषक जगत से जुड़े – गूगल न्यूज़, टेलीग्राम, व्हाट्सएप्प)
(कृषक जगत अखबार की सदस्यता लेने के लिए यहां क्लिक करें – घर बैठे विस्तृत कृषि पद्धतियों और नई तकनीक के बारे में पढ़ें)
कृषक जगत ई-पेपर पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें:
www.krishakjagat.org/kj_epaper/
कृषक जगत की अंग्रेजी वेबसाइट पर जाने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें: