प्रदेश में गेहूं के समर्थन मूल्य पर बोनस का टॉपअप
17 फ़रवरी 2025, भोपाल: प्रदेश में गेहूं के समर्थन मूल्य पर बोनस का टॉपअप – रबी सीजन 2025-26 के लिए गेहूं खरीदी 1 महीने बाद शुरू होने वाली है। इधर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के लिए मध्य प्रदेश में पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। समर्थन मूल्य पर पंजीयन की तारीख 31 मार्च निश्चित है। इसके पहले किसानों को गेहूं के समर्थन मूल्य पर बोनस दिए जाने की घोषणा का बेसब्री से इंतजार था। गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले वर्ष से इस वर्ष 150 रुपए प्रति क्विंटल अधिक के दाम पर गेहूं का समर्थन मूल्य घोषित किया है। केंद्र सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2425 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। केंद्र सरकार के द्वारा घोषित किए गए समर्थन मूल्य के अतिरिक्त राज्य सरकारें समर्थन मूल्य के अलावा बोनस दे रही है। राजस्थान सरकार ने 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस दिए जाने की घोषणा कर दी है, मध्य प्रदेश के किसान लंबे समय से इंतजार में थे की बोनस की घोषणा हो। समर्थन मूल्य पर बोनस दिए जाने को लेकर हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने किसानों का दिल जीत लिया है। मध्य प्रदेश में अब राजस्थान से अधिक दाम पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी होगी। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बोनस की घोषणा करते हुए कहा कि इस बार मध्य प्रदेश में 2600 रुपए क्विंटल किसानों का गेहूं तुलवाएंगे। डॉ यादव की घोषणा के बाद अब मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपए के अतिरिक्त 175 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस किसानों को मिलेगा।
अभी इस बारे में आधिकारिक आदेश का इंतजार है, लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा से स्पष्ट है कि राज्य सरकार गेहूं खरीद पर 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देने का मन बना चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले साल गेहूं के समर्थन मूल्य को 2700 रुपये से ज्यादा बढ़ाया जाएगा।
रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। जिसमें मध्यप्रदेश सरकार अपनी ओर से 175 रुपए का बोनस जोड़कर किसानों को 2600 रुपये को रेट देगी। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा ने किसानों को गेहूं का एमएसपी 2700 रुपये प्रति क्विंटल करने का वादा किया था। जबकि भारतीय किसान संघ 3000 रुपये की मांग कर रहा है। किसान संघ और बाकी किसान संगठनों की मांग को देखते हुए राज्य सरकार पर गेहूं के लिए बोनस देने का दबाव है।
पिछले साल मध्यप्रदेश में लगभग 48.40 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद हुई थी जो लक्ष्य के मुकाबले कम थी। इस साल गेहूं की ऊंची कीमतों को देखते हुए सरकारी खरीद के स्तर को बनाए रखने के लिए भी सरकार के लिए गेहूं खरीद का दाम बढ़ाना जरूरी हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि समर्थन मूल्य बढ़ाने से किसानों को राहत जरूर मिलेगी, लेकिन यह पूरी तरह इस पर निर्भर करेगा कि गेहूं की सरकारी खरीद कितनी होती है और क्या सभी किसानों को इसका लाभ मिलता है। बाजार में वास्तविक बिक्री मूल्य और समर्थन मूल्य के बीच अंतर भी अहम भूमिका निभाएगा।
बाजार में गेहूं के दाम समर्थन मूल्य से काफी ज्यादा हैं. इस समय 3000 रुपये प्रति क्विंटल से ज्यादा दाम में किसानों के गेहूं खुले बाजार में बिक रहे हैं, लेकिन सरकारी समर्थन मूल्य 2425 रुपए है। ऐसे में सरकार के लिए गेहूं की खरीदी काफी कठिन रहेगी। पिछले साल भी सरकार ने दिया था बोनस पिछले साल 2023-24 में गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए प्रति क्विंटल था। इसकी तुलना में बाजार मूल्य ज्यादा था. इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा की थी। तब सरकारी खरीदी केन्द्रों पर किसानों को 2400 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिला था। इस पर 36 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया था। अब 2024-25 में समर्थन मूल्य 2425 रुपए है राज्य सरकार ने 175 रुपए प्रति क्विंटल बोनस की घोषणा की है। तब सरकारी खरीदी केन्द्रों पर किसानों को 2600 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिलेगा इस पर 62 हजार से ज्यादा किसानों ने पंजीयन कराया है।
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