राज्य कृषि समाचार (State News)

कृषि में नवाचार और विकास आवश्यक : डॉ. भदौरिया

कृषि आधारित स्टार्ट-अप्स की नवास के तहत हुई शुरूआत

15 फरवरी 2021, भोपाल। कृषि में नवाचार और विकास आवश्यक : डॉ. भदौरिया -सहकारिता और लोक सेवा प्रबंधन मंत्री डॉ. अरविंद भदौरिया ने कहा कि राज्य सरकार अपने किसानों के समृद्ध भविष्य के लिए स्थायी कृषि के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, हमारा मानना है कि भारत को अब हरित क्रांति से सियान क्रांति की ओर बढऩे की जरूरत है, जो भविष्य में होने वाली वृद्धि के लिए कृषि और नवाचारों के संलयन का प्रतिनिधित्व करता है।

 

डॉ. भदौरिया ने यह बात सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों के लिए सेल्फ हेल्फ तकनीकियों पर केन्द्रित नवास, नवाचार और अनुसंधान से समृद्धि की शुरुआत के अवसर पर फिक्की समिट एंड अवार्ड्स फॉर एग्री स्टार्ट-अप्स  की वर्चुअल समिट को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि नवास अंतर्गत विकसित तकनीक छोटे और सीमांत किसानों का समर्थन करने वाली स्व-सहायता प्रौद्योगिकियों को विकसित करने पर केंद्रित होगी। नवास के तहत विकसित उपकरण और तकनीक आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे, इनपुट लागत को कम करेंगे, उपज के उत्पादक मूल्य में सुधार करेंगे, फसल अवशेषों से मूल्य पैदा करेंगे, मौसम परिवर्तन से होने वाली फसल क्षति को कम करेंगे और प्राकृतिक संपदा का संरक्षण करेंगे।  डॉ. भदौरिया ने कहा कि इसके प्रारंभ होने से कृषक समुदाय प्रौद्योगिकी और ज्ञान के उपभोक्ता बनने के बजाय नवप्रवर्तक और शोधकर्ता बनेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सहकारी संरचना की उपस्थिति ग्रामीण स्तर तक है। प्रदेश में 4523 से अधिक प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को अल्पकालीन फसल ऋण, खाद-बीज और सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।

इस साल देश में सामान्य मानसून रहने की संभावना

डॉ. भदौरिया ने कहा कि प्रदेश के किसान, फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए आत्म-निर्भर भारत कार्यक्रम के तहत कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड का लाभ उठा रहे हैं। यह बुनियादी ढाँचा किसानों का समर्थन करेगा और उद्यमियों को भी अवसर देगा। उन्होंने कहा कि राज्य में 2 मेगा फूड पार्क, 6 फूड पार्क, 5 एग्री एक्सपोर्ट जोन, 45 औद्योगिक क्षेत्र, 6 अंतर्देशीय कंटेनर डिपो, 226 बड़े पैमाने पर उद्योग, 206 मध्यम स्तर के उद्योगों के साथ खाद्य प्र-संस्करण का मजबूत बुनियादी ढाँचा है।

मंत्री डॉ. भदौरिया ने कहा कि फिक्की एग्री स्टार्ट अप समिट एंड अवार्ड्स निश्चित रूप से एक मजबूत कृषि स्टार्ट अप इको सिस्टम को राष्ट्रीय स्तर पर विकसित करने में मदद करेगा। एग्री स्टार्टअप्स और वेंचर पार्टनर, फिक्की टास्क फोर्स के चेयरमेन श्री हेमेंद्र माथुर ने कहा कि मध्य प्रदेश ने जो विकास देखा है, वह अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण है। भारत में कृषि क्षेत्र में लगभग 600 स्टार्ट-अप काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि छोटे और मध्यम किसानों की आय बढ़ाने में स्टार्ट-अप एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। फिक्की के महासचिव श्री दिलीप चेनॉय ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्रोत्साहन और स्टार्ट-अप नीति भारतीय कृषि स्टार्ट-अप को अगले स्तर तक ले जाएगी। उन्होंने राज्यों और स्टार्ट-अप के बीच निरंतर संवाद की सुविधा के लिए राज्य स्तर पर एग्री-टेक स्टार्ट-अप के लिए एक समर्पित सेल बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। वर्चुअल कार्यक्रम में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के पदाधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।

जीएम सरसों पर रस्साकशी

Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *