केज पद्धति का अधिक उपयोग कर मत्स्य उत्पादन बढ़ाएं
5 मार्च 2022, इंदौर । केज पद्धति का अधिक उपयोग कर मत्स्य उत्पादन बढ़ाएं – जल-संसाधन, मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने भोपाल में समीक्षा बैठक की। बैठक में प्रदेश में संचालित हो रही योजनाओं में गति लाने के साथ ही बड़े जलाशयों में केज पद्धति से मछली पालन को बढ़ावा देने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में श्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश में संचालित हो रही योजनाओं में गति लाने के साथ ही मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के जलाशयों में मत्स्य पालन किए जाने के संबंध में चर्चा की। इसके अलावा बड़े जलाशयों में केज पद्धति से मछली पालन को बढ़ावा देने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। मंत्री श्री सिलावट ने मछुआ कल्याण नीति 2008 एवं सहकारी समितियों को पट्टा आवंटन की प्रक्रिया में संशोधन के संबंध में अब तक किए गए कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने मछुआ सहकारी समितियों में नए सदस्यों को जोड़ने एवं फर्जी सदस्यों को हटाने की बात कही।
मत्स्य विकास मंत्री ने मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए सभी जिलों में बालाघाट जिले के पैटर्न पर काम करने को कहा। उन्होंने 89 आदिवासी विकासखंड में मत्स्य पालन हेतु कार्य योजना बनाने के साथ ही मत्स्योत्पादन बढ़ाने के लिए जनभागीदारी की बात कही। वहीं अक्रियाशील समितियों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करें । मछुआ क्रेडिट कार्ड का लक्ष्य पूरा नहीं होने पर श्री सिलावट ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जल्द से जल्द लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए। बैठक में मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव , संचालक मत्स्योद्योग श्री भरत सिंह , प्रदेश मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक पुरुषोत्तम धीमान सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
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